पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) तो कोरोना महामारी के बाद से चीन के खिलाफ तगड़ा मोर्चा खोले ही बैठे थे. अब लगता है कि उनके उत्तराधिकारी जो बाइडन (Joe Biden) भी ड्रैगन को कोई मुरव्वत देने के पक्ष में नहीं है. विगत दो दिनों में लगाचार चीनी लड़ाकू विमानों ने ताइवान की सीमा लांघ हवाई क्षेत्र में उड़ान भरी, तो अमेरिका ने भी अपना जंगी बेड़ा यूएस एयरक्राफ्ट कैरियर को दक्षिणी चीन सागर (South China Sea) में तैनात कर दिया है. गौरतलब है कि चीन का परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम बांबर हवाई जहाजों ने लगातार दो दिन ताइवान की हवाई सीमा में प्रवेश किया. इसके बाद ताइवान ने भी अपनी हवाई सुरक्षा प्रणाली को सक्रिय कर दिया था. अब अमेरिकी जंगी बेड़े की तैनाती के साथ अमेरिका-चीन की तल्खी नए सिरे से परवान चढ़नी शुरू हो गई है.
चीनी लड़ाकू विमानों की घुसपैठ पर ताइवान ने तानी मिसाइल
गौरतलब है कि चीन ने रविवार को लगातार दूसरे दिन ताइवानी एयरस्पेस में अपने 15 लड़ाकू विमानों की घुसपैठ कराई. इसके बाद हरकत में आई ताइवानी वायु सेना ने अपनी मिसाइलों का मुंह चीन के विमानों की तरफ मोड़ दिया. इतना ही नहीं, ताइवानी एयरफोर्स के लड़ाकू विमानों ने तुरंत उड़ान भरकर चीन को जवाबी कार्रवाई की चेतावनी भी दी, जिसके बाद चीन के जहाज ताइवानी एयरस्पेस से भाग खड़े हुए. ताइवान ने प्रतास द्वीप समूह के आसपास के क्षेत्र में अपने वायु रक्षा पहचान क्षेत्र में चीनी बमवर्षक और लड़ाकू जेट के घुसपैठ को पकड़ा था.
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अमेरिका के इस कदम से भड़का है चीन
शनिवार को भी चीन ने ताइवान के वायुक्षेत्र में अपने 8 एच-6के परमाणु बॉम्बर्स को उड़ाया था. इनके साथ चार की संख्या में जे-16 लड़ाकू विमानों का दस्ता भी मौजूद था. ताइवान की जवाबी कार्रवाई के बाद चीन के विमान भाग गए थे. बताया जा रहा है कि अमेरिकी राजनयिक की ताइवान यात्रा से चीन भड़का हुआ है. इस कारण दोनों देशों के बीच तनाव में फिर से इजाफा देखा जा रहा है. गौरतलब है कि चीनी सेना ताइवान को लगातार युद्ध की धमकियां दे रही है।. जापान के साथ भी चीन के संबंध लगातार खराब होते दिखाई दे रहे हैं. इन दोनों देशों के साथ अमेरिका की संधि है. जंगी बेड़ों की तैनाती को इसी कड़ी में देखा जा सकता है.
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रूजवेल्ट दक्षिण सागर में तो दो और जंगी बेड़े हिंद महासागर में तैनात
हालांकि चीन की ताइवान को गीदड़भभकी के मद्देनजर यूएसएस थिओडोर रूजवेल्ट के नेतृत्व में अमेरिकी कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के काफिले ने शनिवार को साउथ चाइना सी में प्रवेश किया. इस स्ट्राइक ग्रुप में 90 लड़ाकू विमानों और 3000 नौसैनिकों के अलावा कई डिस्ट्रायर, फ्रिगेट्स और परमाणु पनडुब्बियां शामिल हैं. अमेरिकी मिलिट्री के मुताबिक 'समुद्र सबका' को लेकर ये कदम उठाया गया है. गौरतलब है कि हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए अमेरिका ने अपने तीन एयरक्राफ्ट कैरियर्स को इस इलाके में तैनात किया है. इनमें यूएसएस निमित्ज वर्तमान में ईरान से तनाव के बीच खाड़ी देशों के पास तैनात है, वहीं यूएसएस रोनाल्ड रीगन हिंद महासागर में गश्त कर रहा है.
Source : News Nation Bureau