तालिबान ने बंदूक और ताकत के बल पर अफगानिस्तान पर कब्जा जमा लिया है. तालिबान के लड़ाके अब वहां खुलेआम लोगों पर अत्याचार कर रहे हैं. यही वजह है कि दुनियाभर के देशों को अफगानिस्तान में रह रहे अपने नागरिकों की चिंता सता रही है. हालांकि भारत समेत अन्य कुछ देशों ने तालिबान कब्जे वाले अफगानिस्तान से अपने नागरिकों को निकालने की प्रकिया शुरू कर दी है. वहीं, चीन और पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता देने का संकेत दिया है, जबकि अमेरिका समेत कई बड़े देश इसके बिल्कुल खिलाफ हैं. इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन अफगानिस्तान के ताजा हालातों को लेकर राष्ट्र को संबोधित कर रहे हैं.
यह भी पढ़ें: डेल्टा वेरिएंट से वैक्सीनेशन के बाद भी कोरोना होना आम, ताजा रिपोर्ट में खुलासा
We have secured the airport (in Kabul) enabling flights to resume not just military flights but civilian charters from other countries and the NGOs taking out the civilians & vulnerable afghanis: US President Joe Biden pic.twitter.com/7KuJgr3WTd
— ANI (@ANI) August 20, 2021
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि काबुल में हालात पूरी तरह से कंट्रोल में हैं. काबुल में हमारे छह हजार सैनिक मौजूद हैं, जो हालातों पर पैनी नजर रखे हुए हैं. बाइडेन ने कहा कि अफगानिस्तान से अब तक 9 हजार से ज्यादा लोग अब तक एयरलिफ्ट किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि तालिबान को स्पष्ट चेतावनी दे दी गई है. महिलाओं और बच्चों पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अगर तालिबानियों ने अमेरिकियों पर हमला किया तो करारा जवाब दिया जाएगा. इस संबंध में ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के नेताओं से बात की गई है. बाइडेन ने यह भी कहा कि जो अमेरिकी अफगानिस्तान से घर आना चाहते हैं उन्हें लाया जाएगा और एयरलिफ्ट कराने में देश के सभी संभव संसाधन अपनाए जाएंगे.
This evacuation mission is dangerous, it involves risks to arm forces & is being conducted under difficult circumstances. I can't promise what the final outcome will be or what it'll be, that will be without risk of loss: US President Joe Biden pic.twitter.com/3M8mQ3TYqr
— ANI (@ANI) August 20, 2021
यह भी पढ़ें: 3 डोज वाली कोरोना वैक्सीन ZyCov-D को को केंद्र सरकार ने दी मंजूरी
अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे कहा कि तालिबान पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव बनाया जाएगा. अफगानिस्तान में नाटो के साथ फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के लोगों को भी एयरलिफ्ट किया जाएगा. इसके साथ ही शरणार्थियों को हर संभव मदद मुहैया कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में अभी हमारा मिशन पूरा हुआ है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का मानना है कि इतिहास अफगानिस्तान में अमेरिकी अनुभव का आकलन करेगा. ऐसे समय में जब बमुश्किल से लगभग दो-तिहाई अमेरिकियों का कहना है कि उन्हें लगता है कि अफगानिस्तान युद्ध लड़ने लायक नहीं था, बाइडेन 11 सितंबर के हमलों के लगभग 20 साल बाद अफगानिस्तान से बाहर निकलने के अपने फैसले पर अडिग रहे.
Source : News Nation Bureau