Advertisment

जो बाइडन की कसम ने ढीले कर दिए ड्रैगन के तीखे तेवर, ताइवान पर दो-टूक

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने ताइवान को लेकर फिर से चीन को दो-टूक चेतावनी दी है. बाइडन ने बेबाक लहजे में कहा है कि चीन के ताइवान पर हमले की स्थिति में अमेरिकी सेना ताईपे की मदद को जाएगी.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
Joe Biden

ताइवान पर चीनी हमले का मुकाबला करेगी अमेरिकी सेना.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के ताइवान के एकीकरण के ख्वाब को अमेरिका ने गहरा धक्का पहुंचाया है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बेबाक लहजे में कहा है कि यदि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ताइवान पर हमला करती है, तो अमेरिकी सेना ताईपे की रक्षा के लिए आएगी. बाइडन (Joe Biden) का यह बयान ऐसे समय आया है जब ताइवान पर हमला कर उसे चीन के साथ एकीकरण को लेकर बीजिंग प्रशासन की तैयारी को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं. गौरतलब है कि यह चौथी बार है जब जो बाइडन ने ताइवान की रक्षा करने का संकल्प कड़े शब्दों में जाहिर किया है. इसके पहले व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा था कि ताइवान को लेकर अमेरिका की नीति में कोई बदलाव नहीं आया है. जो बाइडन ने अपना यह ताजा बयान 'सीबीएस' चैनल को दिए इंटरव्यू में दिया है, जिसका प्रसारण रविवार रात को किया गया. '60 मिनिट्स' नाम के शो में बाइडन से पूछा गया था कि यदि चीन ताइवान पर हमला करता है, तो क्या अमेरिकी सेना उसकी रक्षा करेंगी. इस पर जो बाइडन ने बगैर एक पल गवाए जवाब 'हां' में दिया.

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी की सैन्य उपस्थिति बढ़ेगी
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया के बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के इस बयान ने ताइवान, जापान और कुछ दक्षिण एशियाई देशों को राहत दी होगी, जो बीजिंग की वोल्फ वॉरियर डिप्लोमेसी और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में पीएलए की आक्रामकता से त्रस्त हैं. यहां यह भी नहीं भूलना नहीं चाहिए कि पूर्वी लद्दाख में भारत-पीएलए सैनिकों की हिंसक झड़प के 28 महीनों बाद भी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैन्य तनाव जारी है. इस झड़प के बाद 3488 किमी लंबी एलएसी पर भारत ने अपना सैन्य जमावड़ा बढ़ा दिया है. इस कड़ी में जो बाइडन का बयान यह भी साफ-साफ संकेत देता है कि ताइवान को लेकर अमेरिका का ध्यान चीन पर बराबर बना हुआ है, ठीक जैसे यूक्रेन पर युद्ध के बाद रूस पर. हालांकि दोनों देशों की स्थितियों में मूलभूत अंतर यह है कि यूक्रेन को जहां अमेरिका अरबों डॉलर के हथियारों की आपूर्ति कर रहा है, वहीं ताइवान को लेकर उसने अमेरिकी सेना की कार्रवाई करने की मंशा साफ कर दी है. इसका एक अर्थ यह भी निकलता है कि ताइवान या जापान के खिलाफ चीन की बढ़ती आक्रामकता पर लगाम लगाने के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य उपस्थिति और बढ़ेगी, जिसका दबाव ड्रैगन पर पड़ना तय है.

यह भी पढ़ेंः महारानी का घोड़ों से प्रेम और अंतिम संस्कार में 'कॉउ ब्वॉय'... असामान्य दोस्ती की कहानी

क्वाड समूह को मिलेगी और मजबूती
राष्ट्रपति जो बाइडन के इस बेबाक बयान से क्वाड देशों के समूह को भी और मजबूती मिलेगी. क्वाड के चारों सदस्य देश फिलवक्त चीन से सैन्य, कूटनीतिक या व्यापारिक तनाव का सामना कर रहे हैं. ताइवान से जापान की सीमा से नजदीकी को देखते हुए इन संभावनाओं को भी बल मिलता है कि ताईपे पर किसी भी तरह का सैन्य आक्रमण टोक्यो को भी युद्ध में खींच लेगा. इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि अमेरिकी कांग्रेस अध्यक्ष नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद चीनी सेना के युद्धाभ्यास के दौरान दागी गई एक मिसाइल जापान के इलाके में जा गिरी थी. इसके साथ ही राष्ट्रपति जो बाइडन के सतत दबाव में चीन के भारतीय उपमहाद्वीप समेत एशिया के अन्य लोकतांत्रिक देशों से मोर्चा खोलने पर भी रोक लगेगी. बाइडन के इस ऐलान का दबाव ड्रैगन के नए सहयोगियों पर भी पड़ना तय माना जा रहा है. 

HIGHLIGHTS

  • चीन के ताइवान पर हमले की स्थिति में अमेरिका सेना करेगी ताईपे की हिफाजत
  • यह चौथी बार है जब अमेरिका ने ताइवान को लेकर चीन को बेबाक चेतावनी दी
  • हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की आक्रामक कूटनीति का सामना कर रहे देशों को भी बल
INDIA taiwan ताइवान भारत joe-biden china Xi Jinping LAC शी जिनपिंग जो बाइडन PLA QUAD क्वाड एलएसी हिंद प्रशांत क्षेत्र Indo Pacific Region ताईपे
Advertisment
Advertisment