तालिबान (Taliban) का संस्थापक मुल्ला उमर अफगानिस्तान (Afghanistan) में कई बरसों तक अमेरिकी ठिकानों से महज कुछ ही दूरी पर रह रहा था. एक नयी पुस्तक में किया गया यह दावा अमेरिकी खुफिया तंत्र की नाकामियों को उजागर कर सकता है. अमेरिकी और अफगान नेताओं का मानना है कि एक आंख वाले उमर की पाकिस्तान में मौत हो गई थी. लेकिन एक नयी जीवनी में कहा गया है कि उमर जाबुल प्रांत में एक बड़े अमेरिकी ठिकाने से महज 3 मील की दूरी पर रह रहा था, जहां 2013 में उसकी मौत हो गई थी.
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फिलहाल, दोहा में अमेरिका के साथ वार्ता कर रहे तालिबान ने एएफपी से कहा कि अफगानिस्तान में उमर के ठहरने की बात सच है. वहीं, डच पत्रकार बेट डैम की पुस्तक 'सर्चिंग फॉर द एनीमी' में इस बात का जिक्र किया गया है कि उमर 2013 में बीमार पड़ गया था और उसने इलाज के लिए पाकिस्तान जाने से इनकार कर दिया और बाद में जाबुल प्रांत में उसकी मौत हो गई.
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हालांकि, अफगान राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता हारून चाखनसुरी ने ट्वीट कर कहा , 'हमारे पास इस बारे में पर्याप्त सबूत हैं कि वह पाकिस्तान में रहा था और वहीं उसकी मौत हुई थी.'
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गौरतलब है कि डैम ने अफगानिस्तान में कई बरसों तक रिपोर्टिंग की है और वहां के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई पर एक पुस्तक भी लिखी है. उन्होंने उमर पर अपनी पुस्तक के लिए पांच साल तक शोध किया और उसके अंगरक्षक रहे जब्बार ओमारी से भी बात की.
Source : PTI