पाकिस्तान का राजनीतिक संकट अभी खत्म नहीं हुआ है. देश को कार्यवाहक प्रधानमंत्री की तलाश है. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) कोर कमेटी से परामर्श और अनुमोदन के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान के पूर्व चीफ जस्टिस गुलजार अहमद का नाम कार्यवाहक प्रधानमंत्री के लिए नामित किया है. पीटीआई नेता फवाद चौधरी ने ट्विटर पर इस फैसले की जानकारी दी है. गुलजार अहमद 21 दिसंबर 2019 से 1 फरवरी 2022 तक पाकिस्तान के 27वें मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं. 2 फरवरी 1957 को जन्मे अहमद के पिता नूर मुहम्मद कराची में बड़े वकील थे. अहमद ने अपनी शुरुआती पढ़ाई कराची स्थित गुलिस्तान स्कूल से पूरी की. उन्होंने कराची के गवर्नमेंट नेशनल कॉलेज से बीए की डिग्री हासिल की थी और सिंध मुस्लिम लॉ कॉलेज से कानून की तालीम ली.
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दरअसल, सोमवार को पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने एक नोटिफिकेशन जारी कर प्रधानमंत्री और निवर्तमान नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता को पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 224 (1A) के तहत कार्यवाहक प्रधान मंत्री की नियुक्ति के लिए एक उपयुक्त व्यक्ति के नाम का प्रस्ताव भेजने के लिए कहा था.
वहीं, राष्ट्रपति के पत्र में यह भी कहा गया था कि इमरान खान, कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति होने तक मुल्क के प्रधानमंत्री बने रहेंगे. राष्ट्रपति ने अपने ट्वीट में लिखा, इमरान अहमद खान नियाजी पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 224 A (4) के तहत कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति होने तक देश के प्रधानमंत्री बने रहेंगे. जबकि उधर, कैबिनेट सचिवालय ने एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि खान 'तत्काल प्रभाव' से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद पर नहीं रहे.
दरअसल, पाकिस्तान की 342 सदस्यों वाली नेशनल असेंबली में इमरान खान को बहुमत के लिए 172 सीटें चाहिए थीं. विपक्ष का दावा है कि उसके पास 174 सांसदों का समर्थन है. यानी इमरान खान सदन में बहुमत खो चुके हैं.
विपक्षी दलों ने सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराने की मांग की थी. लेकिन नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी ने प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. अब इस मामले को लेकर विपक्षी दल सुप्रीम कोर्ट चले गए हैं जहां मंगलवार को फैसला आने की उम्मीद है. अगर विपक्षी दलों के पक्ष में कोई निर्णय नहीं आया तो फिर देश में चुनाव होंगे. बता दें कि अविश्वास प्रस्ताव के खारिज होते ही पाकिस्तान के राष्ट्रपति अल्वी ने प्रधानमंत्री इमरान खान की सिफारिश पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया था.