अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद वहां हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. देश की राजधानी काबुल के एयरपोर्ट के पास गुरुवार को सीरियल ब्लास्ट हुए हैं. तीन धमाकों में 10 अमेरिकी सैनिक समेत 60 लोगों की जान चली गई. अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, हमले में 150 से ज्यादा लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की खबर है. पेंटागन ने एयरपोर्ट पर हुए ब्लास्ट की पुष्टि की है. वहीं, पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने एक ट्वीट में बताया है कि पहला धमाका एयरपोर्ट के अब्बे गेट पर हुआ. जबकि दूसरा धमाका एयरपोर्ट के पास बरून होटल के करीब हुआ. इस होटल में ब्रिटेन के सैनिक ठहरे हुए थे. वहीं, एयरपोर्ट के पास तीसरा धमाका भी हुआ है.
अमेरिका ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की
काबुल में हुए सिलसिलेवार धमाकों के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान में रह रहे अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है. अमेरिका ने नागरिकों से काबुल एयरपोर्ट के पास नहीं जाने के लिए कहा है. अमेरिकी दूतावास की ओर से कहा गया कि एयरपोर्ट के पास बड़ा धमाका हुआ है. अफगानिस्तान में रह रहे अमेरिकी नागरिकों को इस समय एयरपोर्ट या एयरपोर्ट के पास जाने से बचना चाहिए. अमेरिका ने कहा कि जो भी अमेरिकी नागरिक आबे गेट, ईस्ट गेट, नॉर्थ गेट के पास हैं, वो वहां से दूसरी जगह चले जाएं.
फ्रांस ने काबुल धमाकों पर बड़ी कार्रवाई की
वहीं, फ्रांस ने काबुल धमाकों पर बड़ी कार्रवाई की है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अफगानिस्तान से अपने राजदूतों को वापस बुलाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि वहां से आने वाले राजदूत अब पेरिस से काम करेंगे. मैक्रों ने कहा कि फ्रांस काबुल से ज्यादा से ज्यादा अफगानी नागरिकों को निकालने का प्रयास करेगा. आपको बता दें कि भारत और अमेरिका समेत कई देश काबुल एयरपोर्ट पर पिछले कई दिनों से अपने नागरिकों को वापस ला रहे हैं. इसके साथ ही हजारों की संख्या में नागरिकों का भी रेस्क्यू किया जा चुका है.
ब्रिटेन सरकार भी काबुल धमाकों के बाद एक्शन में आ गई
ब्रिटेन सरकार भी काबुल धमाकों के बाद एक्शन में आ गई है. ब्रिटेन ने काबुल सीरियल ब्लास्ट को लेकर इमरजेंसी बैठक बुलाई है. गौरतलब है कि इससे पहले ब्रिटेन और अमेरिका ने अफगानिस्तान में किसी भी टेरर अटैक की आशंका जताई थी और साथ ही अपने नागरिकों को पूरी अहतियात बरतने को कहा था. दोनों देशों ने कहा था कि खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस धमाके को अंजाम दे सकता है. वहीं, इजरायली प्रधानमंत्री और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच होने वाले बैठक को भी काबुल धमाकों की वजह से टाल दिया गया है.
Source : News Nation Bureau