भारत सरकार ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है. ये आतंकी हमला दश्त-ए-बारची स्थित शैक्षिक संस्थान पर हुए था, जहां छात्र परीक्षा देने आए थे. अधिकतर छात्र हजारा समुदाय के थे. हजारा समुदाय अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक माना जाता है और वहां हजारा समुदाय को निशाना बनाकर कई बड़े आतंकवादी हमले हो चुके हैं. इस हमले की जिम्मेदारी किस संगठन ने ली, ये साफ नहीं हो पाया है. लेकिन माना जा रहा है कि तालिबान के सत्ता में आने के बाद अभी आईएस की खुरासान शाखा अफगानिस्तान में काफी सक्रिय है. अधिकतर आतंकी हमलों की जिम्मेदारी अभी तक आईएस ने ही ली है.
निर्दोषों को न बनाया जाए निशाना
भारत सरकार के विदेश मामलों के मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम काबुल के दश्त-ए-बारची में कल हुए आतंकवादी हमले से दुखी हैं. हमारी संवेदनाएं पीड़ितों के परिवारों के साथ है. अरिंदम बागची ने आगे कहा कि शिक्षण संस्थाओं के निर्दोष विद्यार्थियों को लगातeर निशाना बनाए जाने की भारत सरकार कड़ी निंदा करती है.
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बता दें कि इस आतंकवादी हमले में 20 से अधिक लोगों की मौत हो गई, जिसमें से अधिकतर छात्र-छात्राएं थी. ये सभी छात्र-छात्राएं परीक्षा देने पहुंचे थे. इस हमले में कुछ शिक्षकों और सुरक्षाकर्मियों की भी मौतें हुई हैं.
HIGHLIGHTS
- आतंकी हमले में छात्र-छात्राओं को बनाया गया निशाना
- आतंकी हमले में 20 से अधिक छात्र-छात्राओं की मौत
- हजारा समुदाय को निशाना बनाकर किया गया था हमला
Source : News Nation Bureau