पाकिस्तान (Pakistan) ने भारत द्वारा अन्य राज्यों के लोगों को दिए गए जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के निवास प्रमाणपत्र को शनिवार को खारिज कर दिया. नए निवास कानून के अनुसार, दूसरे राज्यों से आए ऐसे लोग निवास प्रमाणपत्र पाने के योग्य है, जिनके पास जम्मू-कश्मीर में रहने का कम से कम 15 साल का प्रमाण हो. नया कानून आने के बाद से करीब 30 हजार लोग केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का निवास प्रमाणपत्र प्राप्त कर चुके हैं.
अब पाकिस्तान कश्मीर में निवास प्रमाणपत्र को किया खारिज
पाकिस्तान के विदेश विभाग ने भारत द्वारा अन्य राज्यों के लोगों को दिए गए निवास प्रमाणपत्र को खारिज कर दिया. विभाग ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर निवास प्रमाणपत्र जारी करने (की प्रक्रिया), 2020 के तहत भारत सरकार के अधिकारियों सहित अन्य गैर-कश्मीरियों को जारी किए गए प्रमाणपत्र गैरकानूनी, अवैध, और अमान्य हैं, यह जिनेवा सम्मेलन सहित अंतरराष्ट्रीय कानूनों और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संबंधित प्रस्तावों का पूरी तरह से उल्लंघन है.' विदेश विभाग ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कहा कि वह भारत को कश्मीर की जनसांख्यिकी स्वरूप में बदलाव करने से रोके.
कश्मीर पर रोना और दुष्प्रचार है जारी
इसके पहले वजीर-ए-आजम इमरान खान से लेकर विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और अन्य हुक्मरान कश्मीर पर दुष्प्रचार करने से बाज नहीं आ रहे हैं. यह अलग बात है कि अधिकांश मंचों पर उन्हें नाकामी ही हाथ लगी है. कई देशों ने तो पाकिस्तान को दो टूक कह दिया है कि भारत के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप ना ही किया जाए. इसके बावजूद हर मसले पर कश्मीर खासकर कश्मीरी मुसलमानों को लेकर पाकिस्तान का सियापा जारी है.