UNHRC में पाकिस्‍तान को भारत ने किया नंगा, कहा-आतंक को पनाह देने वाले न करें मानवाधिकारों की बात

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Drigraj Madheshia
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जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में जम्‍मू-कश्‍मीर को लेकर सचिव (पूर्व) MEA विजय ठाकुर सिंह ने कहा कि मेरी सरकार सामाजिक-आर्थिक समानता और न्याय को बढ़ावा देने के लिए प्रगतिशील नीतियों को अपनाकर सकारात्मक कार्रवाई कर रही है. इससे पहले पाकिस्तान ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में कश्मीर का मुद्दा उठाया.

पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने यूएन से जम्मू-कश्मीर में भारत की कार्रवाई की जांच की मांग की. इसके बाद रिपोर्टर्स से बातचीत के दौरान कुरैशी ने सच्चाई कबूलते हुए जम्मू कश्मीर को भारत का राज्य बताया. उन्होंने कहा कि भारत दुनिया को यह दर्शाने की कोशिश कर रहा है कि कश्मीर में जिंदगी सामान्य स्तर पर लौट आई है. अगर ऐसा है तो अंतरराष्ट्रीय मीडिया, संस्थान और एनजीओ को भारत अपने राज्य जम्मू-कश्मीर क्यों नहीं जाने देता? उन्हें क्यों नहीं सच्चाई देखने देता. क्योंकि वह झूठ बोल रहा है. एक बार जब कर्फ्यू खत्म होगा तो दुनिया को सच्चाई दिखेगी. 

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इसके बाद भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया और विदेश मंत्रालय में पूर्व सचिव विजय ठाकुर सिंह ने भारत का पक्ष रखा. विजय ठाकुर सिंह ने कहा कि मेरी सरकार सामाजिक-आर्थिक समानता और न्याय को बढ़ावा देने के लिए प्रगतिशील नीतियों को अपनाकर सकारात्मक कार्रवाई कर रही है.

भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि जम्‍मू-कश्‍मीर में हालिया विधायी उपायों के परिणाम स्वरूप प्रगतिशील नीतियां अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में हमारे नागरिकों के लिए पूरी तरह से लागू होंगी. इससे लिंग भेदभाव समाप्त होगा, किशोर अधिकारों की बेहतर रक्षा होगी और शिक्षा, सूचना और काम के अधिकार लागू होंगे.

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पाकिस्‍तान का नाम लिए बिना कहा कि 1 प्रतिनिधिमंडल ने मेरे देश के खिलाफ झूठे आरोपों और मनगढ़ंत आरोपों की आपत्तिजनक बयानबाजी के साथ एक टिप्पणी की है. दुनिया को पता है कि यह मनगढ़ंत कथा वैश्विक आतंकवाद के उपरिकेंद्र से आती है, जहां वर्षों से रिंग लीडरों को शरण दी गई थी. दुनिया जानती है कि वहां वैश्विक आतंकवाद फलफूल रहा है और वहां के नेताओं ने आंतकियों और उनके संगठनों को आश्रय दे रहे हैं.

47 देश मानवाधिकार परिषद के सदस्य

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार परिषद के 47 देश सदस्य हैं. इसमें भारत, पाकिस्तान के साथ ही चीन भी शामिल हैं. पाकिस्तान के मानवाधिकार हनन के प्रस्ताव को खत्म करने के लिए भारत को अधिकतम देशों के समर्थन की जरूरत होगी. हालांकि, केंद्र सरकार ने जब से जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया है, तब से पाकिस्तान इस मुद्दे को कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ले जाता रहा है. लेकिन उसे इसमें सफलता नहीं मिली है.

Source : न्‍यूज स्‍टेट ब्‍यूरो

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