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Kazakhstan: विदेश मंत्री जयशंकर ने चीन के समकक्ष से की मुलाकात, SCO समिट में उठाए ये मुद्दे

भारत के विदेश मंत्री (ईएएम) एस जयशंकर ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के  राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य और विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की.

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Mohit Saxena
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Jaishankar in Kazakhstan

Jaishankar in Kazakhstan( Photo Credit : social media)

कजाकिस्तान के आस्ताना में एससीओ राज्य प्रमुखों की परिषद की बैठक के दौरान 4  जुलाई 2024 को विदेश मंत्री (ईएएम) ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के  राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य और विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की. दोनों मंत्रियों ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शेष मुद्दों का शीघ्र समाधान खोजने पर विस्तृत विचार-विमर्श किया ताकि द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर और पुनर्निर्मित किया जा सके. ईएएम ने सीमावर्ती क्षेत्रों में मौजूदा स्थिति के दीर्घकालिक बने रहने के प्रतिकूल प्रभावों पर जोर दिया और शेष क्षेत्रों से पूरी तरह से अलगाव को प्राप्त करने के लिए प्रयासों को दोगुना करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला.

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दोनों मंत्रियों ने भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (WMCC) की शीघ्र बैठक आयोजित   करने पर सहमति व्यक्त की. ईएएम ने द्विपक्षीय संबंधों को सर्वश्रेष्ठ रूप से तीन पारस्परिकताओं–पारस्परिक सम्मान, पारस्परिक संवेदनशीलता और पारस्परिक हितों का   पालन करने की आवश्यकता दोहराई. दोनों मंत्रियों ने वैश्विक स्थिति पर भी विचार-विमर्श किया. ईएएम ने अगले वर्ष एससीओ की अध्यक्षता के लिए चीन को भारत का समर्थन  प्रदान किया.

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आपको बता दें कि इस बैठक में रूस के राष्ट्रपति पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिपिंग  और पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ भी पहुंचे. इस समय एससीओ में 8 देश कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज़्बेकिस्तान भारत और पाकिस्तान हैं. वहीं, अफगानिस्तान, ईरान, बेलारूस और मंगोलिया SCO में पर्यवेक्षक (Observer) की तरह शामिल हुए हैं.

20 सालों की गतिविधियों की समीक्षा होगी

विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए बताया था कि एससीओ में भारत की प्राथमिकता प्रधानमंत्री के 'Secure SCO' विजय पर तय होगी. इस समय भारत का पूरा जोर सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, सहयोग, संपर्क, एकता, संप्रभुता का सम्मान, क्षेत्रीय एकता और पर्यावरण सुरक्षा पर है. यहां पर बीते 20 सालों की गतिविधियों की समीक्षा होगी. आपसी सहयोग बढ़ाने पर चर्चा होगी. 

SCO है क्या? 

अप्रैल 1996 में एक बैठक के दौरान में चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान शामिल हुए. इस बैठक का लक्ष्य आपस में एक-दूसरे के नस्लीय और  धार्मिक तनावों को दूर करने में मदद करना है. तब इसे 'शंघाई फाइव' कहा गया.  इसका गठन 15 जून 2001 को किया गया. 

Source : News Nation Bureau

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