उत्तर कोरिया (North Korea) के सुप्रीम लीडर किम जोंग-उन (Kim Jong Un) की बहन किम यो-जोंग (Kim yo Jong) देश की दूसरी सबसे ताकतवर लीडर बन गई हैं. दक्षिण कोरिया की जासूसी एजेंसी ने दावा किया है कि उन्हें ये जिम्मेदारी उनके भाई किम जोंग ने दी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक किम जोंग-उन के पास अभी भी पूरी ताक़त है, लेकिन उन्होंने अपने ऊपर दबाव कम करने के लिए कई अहम जिम्मेदारियां अपनी बहन को दे दी है. बताया जा रहा है कि किम जोंग ने इसका ऐलान नेशनल असेंबली में किया.
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बहन को मिली जिम्मेदारी
कहा जा रहा है कि यो-जोंग अब मुख्य तौर पर उत्तरी कोरिया की अंतरराष्ट्रीय नीति को देखेंगी. खासकर अमेरिका और दक्षिण कोरिया से रिश्तों को बेहतर करने के लिए वह जिम्मेदार होंगी. हालांकि किम जोंग-उन के पास अभी भी पूरी सत्ता बरक़रार है, लेकिन वह कुछ ताक़तें धीरे-धीरे अपने दूसरे करीबी लोगों को सौंप रहे हैं. किम यो 2007 में कोरियन वर्कर्स पार्टी से जुड़ी थीं, जब उसके पिता ज़िंदा थे. हाल के दिनों में उन्होंने अपने भाई के कार्यकाल में उसकी राइट हैंड मानी जाती रही है और महत्वपूर्ण पदों पर रह चुकी है.
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स्विट्ज़रलैंड में की है यो-जोंग की पढ़ाई
यो-जोंग का जन्म 1987 में हुआ. किम जोंग से उनकी बहन चार साल छोटी है. दोनों भाई बहन की पढ़ाई स्विट्ज़रलैंड के बर्न में हुई. पढ़ाई के बाद किम यो-जोंग 2000 के दशक की शुरुआत में ही कोरिया लौटी थी. इसके बाद राजनीति में दिलचस्पी के चलते उसके पिता ने उसे पार्टी और देश की सियासत में सक्रिय करवाया. तबसे कई महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए किम यो-जोंग अपने भाई के फैसलों में शामिल मानी जाती रही है.
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फिर से बढ़ी ताकत
माना जाता है कि साल 2019 में जब अमेरिका के साथ उत्तर कोरिया की हनोई शिखरवार्ता असफल होने के बाद पोलित ब्यूरो में कुछ हद तक उनकी भूमिका कमज़ोर कर दी गई थी. हालांकि, साल 2020 में वो वापस अपनी पुरानी भूमिका में लौट आईं. और अब उन्हें फिर से एक बड़ी जिम्मेदारी दे दी गई है.