किशनगंगा बांध परियोजना पर भारत को बड़ी जीत मिली है। विश्व बैंक ने पाकिस्तान को झटका देते हुए भारत के प्रस्ताव को मानने की सलाह दी है।
इस विवाद को पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में लेकर गया जहां भारत ने निष्पक्ष विशेषज्ञ की नियुक्ति का प्रस्ताव दिया।
अखबार 'द डॉन' के मुताबिक पिछले हफ्ते वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम ने पाकिस्तान सरकार को इस विवाद को ICA में ले जाने के फैसले को वापस लेने की सलाह दी थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंक ने 10 नवंबर, 2016 को एक अमेरिकी मुख्य न्यायाधीश, इंपीरियल कॉलेज, लंदन के रेक्टर और विश्व बैंक अध्यक्ष को बांध पर विवाद को हल करने के लिए अदालत के अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए चुना गया था।
पाकिस्तान कश्मीर में किशनगंगा बांध के निर्माण को सिंधु जल संधि 1960 का उल्लंघन मानता है। पाक चाहता है कि यह विवाद आईसीए को भेजा जाए।
पाकिस्तान दावा करता आया है कि इस बांध के बनने से न सिर्फ नदी का मार्ग बदलेगा बल्कि उनके देश में बहने वाली नदियों का जल स्तर भी कम होगा। इसलिए इस विवाद की सुनवाई अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में होनी चाहिए।
बता दें कि पाकिस्तान ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले में19 मई को 330 मेगावाट के किशनगंगा हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजना के उद्घाटन के बाद चिंता व्यक्त की थी।
पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने इस परियोजना के उद्घाटन से पहले कहा था कि पाकिस्तान का मानना है कि विवाद को सुलझाने से पहले परियोजना का उद्घाटन सिंधु जल संधि का उल्लंघन है।
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Source : News Nation Bureau