अमेरिका के अनुरोध पर तीन साल से भी कम समय पहले पाकिस्तान की जेल से रिहा हुआ तालिबान नेता अब्दुल गनी बरादर अफगानिस्तान में 20 साल से चल रहे युद्ध के निर्विवाद विजेता के रूप में उभरा है. जबकि हैबतुल्लाह अखुंदजादा तालिबान का समग्र नेता है, बरादर इसका राजनीतिक प्रमुख और इसका सबसे बड़ा पब्लिक फेस है. रविवार को एक टेलीविजन बयान में, उसने कहा कि तालिबान की असली परीक्षा अभी शुरू हुई है और उसे राष्ट्र की सेवा करनी है। 1968 में उरुजगान प्रांत में जन्मे, उसने 1980 के दशक में सोवियत संघ के खिलाफ अफगान मुजाहिदीन में लड़ाई लड़ी. 1992 में रूसियों को बाहर निकालने के बाद और देश में प्रतिद्वंद्वी गुटों के युद्ध के बीच बरादर ने अपने पूर्व कमांडर और बहनोई, मोहम्मद उमर के साथ कंधार में एक मदरसा स्थापित किया.
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- मुल्ला बिरादर की हैसियत तालिबान के सबसे कद्दावर नेता मुल्ला उमर के बाद नंबर दो की थी
- मुल्ला बिरादर की शादी मुल्ला उमर की बहन से हुई है
- मुल्ला बिरादर का जन्म 1968 में अफ़ग़ानिस्तान के उरूज़गान प्रांत में, देहरावुद ज़िले के एक गाँव वीतमाक में हुआ था.
- मुल्ला बिरादर और पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई दोनों अफ़ग़ानिस्तान की दुर्रानी जनजाति से सम्बन्ध रखते हैं
- मुल्ला उमर की मौत के बाद मुल्ला बिरादर की पोज़िशन नंबर एक की है
- मुल्ला अब्दुल ग़नी बिरादर की गिनती उन चार लोगों में होती है जिन्होंने 1994 में तालेबान की शुरूआत की थी.
- मुल्ला बिरादर अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान की सत्ता के के दौरान उनके रक्षा उपमंत्री भी रहे थे.
- मुल्ला बिरादर को मिलिट्री स्ट्रेटेजिस्ट और कमांड का एक्सपर्ट माना जाता है
- मुल्ला बिरादर ने तालिबान को फंडिंग उपलब्ध कराने का भी अपना नेटवर्क खड़ा किया था
- मुल्ला बिरादर का फ्घनिस्तान में अपना बड़ा मज़बूत इंटेलिजेंस नेटवर्क है
- मुल्ला बिरादर ने अफ़ग़ान फ़ोर्स के खिलाफ लड़ी जाने वाली सभी लड़ाइयों को लीड किया
- हेरात और क़ाबुल की घेरेबंदी में मुल्ला उमर की प्लान का बड़ा हिस्सा था
- अमेरिकी फ़ोर्स के खिलाफ मुल्ला बिरादर ने कई बड़े हमले को अंजाम दिया है
- मुल्ला बिरादर ऐसे नेताओं में से रहे हैं जो अमरीका और अफ़ग़ानिस्तान सरकार के साथ बातचीत के पक्षधर रहे
- मुल्ला बिरादर के बारे में ये भी बात कही जाती है कि उनके पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई के साथ क़रीबी संबंध रहे हैं.
- 2010 में मुल्ला बिरादर को यूएस पाकिस्तान की जॉइंट फ़ोर्स ने कराची से गिरफ्तार किया था
- गिरफ्तारी के तीन साल बाद ही 2013 में मुल्ला बिरादर को रिहा कर दिया गया
Source : Sajid Ashraf