नेपाल (Nepal) के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) को जनप्रतिनिधि सभा के विशेष सत्र में विश्वास मत साबित करना है। इस संबंध में राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने दस मई को ओली को समन किया है. राष्ट्रपति ने रविवार को एक विज्ञप्ति जारी करते हुए अगली बैठक प्रधानमंत्री ओली के साथ अगले हफ्ते करने की घोषणा की है. यह बैठक अगले सत्र में विश्वास मत (Confidence Motion) को लेकर है. राष्ट्रपति कार्यालय से जारी विज्ञप्ति के अनुसार निचले सदन में 275 सीटों में से ओली के नेतृत्व वाली सीपीएन-यूएमएल के पास 121 सीटें हैं और विपक्षी नेपाली कांग्रेस के पास 63 और सीपीएन-माओवादी की 49 सीटें हैं. गौरतलंग कर दिया था. इसके बाद ही नेपाल में राजनीतिक संकट बरकरार है. नेपाली कांग्रेस भी इस मौके का लाभ उठाने के लिए सक्रिय हो गई है.
नेपाल में राजनीतिक संकट
प्रधानमंत्री ओली द्वारा बीते दिसंबर में प्रतिनिधि सभा को भंग किए जाने से नेपाल में राजनीतिक संकट चल रहा है. एक ऐतिहासिक फैसले में, फरवरी में शीर्ष अदालत ने संसद के निचले सदन को बहाल कर दिया था. उच्चतम न्यायालय ने पिछले महीने सीपीएन-एमसी के सीपीएन-यूएमएल के साथ विलय को रद्द कर दिया था जिसके बाद देश में राजनीतिक परिदृश्य और बदतर हो गया. 2017 के आम चुनाव में उनके गठबंधन को जीत मिली थी जिसके बाद एकीकृत नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी का गठन करने के लिए मई 2018 में दोनों पार्टियों का विलय कर दिया था.
यह भी पढ़ेंः योगी सरकार का बड़ा फैसला, मेडिकल छात्र भी करेंगे कोरोना मरीजों का इलाज
केपी शर्मा ओली पर है बड़ा दबाव
इस बीच बता दें कि नेपाल की मुख्य विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस ने सीपीएन-माओइस्ट सेंटर एवं अन्य दलों के समर्थन से प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार को गिराकर अपने नेतृत्व में सरकार बनाने की पहल शुरू की है. पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रकाश मान सिंह के मुताबिक, नेपाली कांग्रेस की केंद्रीय कार्य समिति ने अपने नेतृत्व में नई सरकार बनाने की पहल करने का फैसला किया. सिंह ने कहा कि नेपाली कांग्रेस प्रधानमंत्री ओली से इस्तीफा देने और नई सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त करने को कहेगी.
HIGHLIGHTS
- नेपाल की राष्ट्रपति ने ओली से बहुमत साबित करने को कहा
- 275 सीटों वाले निचले सदन में ओली के पास हैं 121 सीटें
- विपक्षी पार्टी ओली सरकार गिराने के लिए हुई प्रयासरत