अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में आज से पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव मामले की सुनवाई होगी. जासूसी के आरोप में जाधव पाकिस्तान के जेल में बंद हैं. पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने उन्हें 2017 में मृत्युदंड सुनाया था. इसके खिलाफ भारत ने अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में अपील की थी, जिसकी सुनवाई 18 से 21 फरवरी तक होगी. कोर्ट आज से दोनों देशों के पक्षों को सुनेगी.
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गौरतलब है कि पाकिस्तान का कहना है कि उसके सुरक्षाबलों ने मार्च, 2016 में बलूचिस्तान प्रांत में पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव को गिरफ्तार किया था, जहां वह ईरान से कथित रूप से घुस आए थे. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में पाकिस्तान ने कहा था कि जाधव कोई साधारण व्यक्ति नहीं हैं क्योंकि वह जासूसी और विध्वंसक गतिविधियां करने के इरादे से देश में घुसे थे. इस मामले में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जाधव को अप्रैल, 2017 में मृत्युदंड सुनाया था. भारत इस फैसले के खिलाफ उसी साल अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में चला गया था. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने भारत की अपील पर निर्णय करने तक जाधव की सजा के तामील होने पर रोक लगा रखी है. भारत और पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में पहले ही अपनी विस्तृत अर्जियां और जवाब लगा रखे हैं. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने जाधव मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 18 से 21 फरवरी, 2019 की है. भारत सारे आरोपों से इनकार करता है. वहीं, पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि पाकिस्तान कुलभूषण जाधव की कथित ‘विध्वंसक गतिविधियों’ के खिलाफ सारे सबूत 19 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय को देगा.
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पाकिस्तान के अखबार डॉन के अनुसार, पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का लीड अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर करेंगे, जबकि साउथ एशिया के डायरेक्टर जनरल डॉ. मोहम्मद फैसल विदेश कार्यालय का पक्ष रखेंगे. वहीं, भारत का पक्ष हरिश सालवे रखेंगे. उसने अपनी रिपोर्ट में कहा कि CJI पहले ही कुलभूषण जाधव के खिलाफ सुनवाई की तारीख 18 से 21 फरवरी तय कर चुकी है. अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में आज से चार दिनों तक लगातार कुलभूषण जाधव मामले की सुनवाई करेगी.
भारत का कहना है कि जाधव को ईरान से अगवा कर लिया गया था जहां उनका नौसेना से सेवानिवृत होने के बाद कारोबार हैं तथा उनका सरकार से कोई लेना-देना नहीं है. लिखित दलीलों में भारत ने पाकिस्तान पर जाधव को कूटनीतिक पहुंच देने से इनकार कर वियना संधि का उल्लंघन करने का आरोप लगाया. अपने जवाब में पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में कहा कि वियना संधि या दूतावास संबंध, 1963 केवल वैध आगंतुकों पर लागू होता है. उसके अंतर्गत जासूसी की गतिविधियां नहीं आती हैं. भारत कहता रहा है कि पाकिस्तान में सैन्य अदालत द्वारा जाधव की सुनवाई एक ढकोसला है.
Source : News Nation Bureau