कुलभूषण जाधव पर अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) के फैसले को पूरी तरह अपने रुख का समर्थन बताते हुए भारत ने बृहस्पतिवार को इस्लामाबाद से जाधव तक तत्काल राजनयिक पहुंच प्रदान कराने को कहा, वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने दलील दी कि उनकी सरकार इस मामले में कानून के अनुसार आगे बढ़ेगी. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद के दोनों सदनों में इस संबंध में दिये गये बयान में कहा कि सरकार जाधव की सुरक्षा और कुशलता तथा उसकी भारत जल्द वापसी के लिए प्रयास करती रहेगी.
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आईसीजे में जीत के इस्लामाबाद के दावे को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि अपने लोगों से “झूठ” बोलने को लेकर पाकिस्तान की अपनी मजबूरियां हैं. भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव (49) को पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में एक मुकदमे के बाद मौत की सजा सुनाई थी. उन पर “जासूसी और आतंकवाद” का आरोप लगाया गया था.
सैन्य अदालत के फैसले के खिलाफ भारत ने मई 2017 में आईसीजे में अपील की थी. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने सजा के अमल पर रोक लगा दी थी. मामले में भारत के आवेदन की स्वीकार्यता को लेकर पाकिस्तान की आपत्तियों को खारिज करते हुए आईसीजे की 16 सदस्यीय पीठ ने बुधवार को अपने 42 पन्नों के आदेश में कहा कि पाकिस्तान को जाधव को दिये गए मृत्युदंड पर फिर से विचार करना चाहिए और उससे जाधव को राजनयिक मदद उपलब्ध कराने को भी कहा.
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रवीश कुमार ने कहा, ‘‘पाकिस्तान से जाधव को राजनयिक पहुंच प्रदान करने को कहा गया है और उन्हें ऐसा करना होगा.’’ घटनाक्रम पर पहली बार प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीट किया- कमांडर कुलभूषण जाधव को बरी, रिहा ना करने और भारत को ना लौटाने के आईसीजे के फैसले की सराहना करता हूं. वह पाकिस्तान के लोगों के खिलाफ अपराधों का दोषी है. पाकिस्तान कानून के अनुसार आगे बढ़ेगा.
विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने ट्वीट किया, जाधव पाकिस्तान में रहेगा. उसके साथ पाकिस्तान के कानूनों के मुताबिक व्यवहार किया जाएगा. यह पाकिस्तान के लिए जीत है. उन्होंने कहा कि भारत जाधव को बरी कराना चाहता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने कहा, वे उसकी रिहाई चाहते थे, इसे मंजूर नहीं किया गया. वे उसकी वापसी चाहते थे, इसे भी खारिज कर दिया गया. अगर वे फिर भी जीत का दावा करते हैं तो ...शुभकामनाएं.
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फैसला लागू किए जाने के मुद्दे पर पाक सेना के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान कानून का पालन करेगा क्योंकि वह कानून का पालन करने वाला देश है. उन्होंने कहा कि आईसीजे के फैसले ने पाकिस्तान की न्यायिक व्यवस्था पर भी भरोसा जताया.