कुलभूषण जाधव पर पाकिस्तान आईसीजे का फैसला नहीं माना, तो भारत उठाएगा यह कदम

पाकिस्तान के लिए आईसीजे के फैसले से पलटना आसान नहीं होगा. ऐसे होने पर भारत के पास संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का विकल्प शेष रहेगा. वहां सदस्य देश किसी मसले पर वोटिंग कर उस पर फैसला करते हैं.

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Nihar Saxena
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कुलभूषण जाधव पर पाकिस्तान आईसीजे का फैसला नहीं माना, तो भारत उठाएगा यह कदम

विएना संधि के तहत पाकिस्तान आईसीजे के फैसले को मानने को बाध्य.

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अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) का कुलभूषण जाधव पर फैसला आने के बाद गुरुवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि इस मसले पर कानून के हिसाब से ही आगे बढ़ेंगे. हालांकि पाकिस्तान के इतिहास को देखते हुए एक बड़ा सवाल सभी को मथ रहा है कि अगर पाकिस्तान ने आईसीजे का फैसला नहीं माना तो? इस संशय को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय कानून के जानकार स्पष्ट कर रहे हैं कि आईसीजे के फैसले को नजरअंदाज करना पाकिस्तान के लिए आसान नहीं. खासकर जिस विएना संधि के आधार पर आईसीजे ने पाकिस्तान से कुलभूषण जाधव मामले पर दोबारा विचार करने को कहा है, उसकी कुछ कूटनीतिक बाध्यताएं भी हैं.

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चौतरफा दबाव झेल रहा पाकिस्तान नहीं उठाएगा ऐसा कदम
सबसे बड़ी बात तो यह है कि फिलहाल पाकिस्तान चहुंओर अंतरराष्ट्रीय दबाव से घिरा हुआ है. आतंकी फंडिंग को लेकर ब्लैक लिस्ट होने की तलवार, तो उस पर लटक ही रही है. साथ ही विश्व बैंक जैसी संस्थाओं ने भी उस पर कड़ी शर्तें थोप रखी हैं. ऐसे में पाकिस्तान आईसीजे के फैसले को नहीं मानकर अपने लिए कूटनीतिक स्तर पर असहज स्थिति पैदा नहीं करेगा. फिर भी अगर वह ऐसा करता है, तो संयुक्त राष्ट्र का दरवाजा भारत के लिए खुला है.

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अमेरिका दिखा चुका है आईसीजे को ठेंगा
कुलभूषण जाधव मामले से पहले भी आईसीजे ने कुछ ऐसे फैसले दिए हैं, जिन्हें संबंधित देशों ने मानने से इंकार कर दिया था. इस कड़ी में अमेरिका-मैक्सिको का विवाद बेहद अहम करार दिया जाता है. एक अमेरिकी अदालत ने मैक्सिको के 51 नागरिकों को सजा सुनाई थी. इसके खिलाफ मैक्सिको आईसीजे पहुंच गया था. वहां फैसला उसके पक्ष में भी गया, लेकिन अमेरिका ने राष्ट्रीय कानूनों और संप्रभुत्ता की रक्षा की आड़ में उस फैसले को मानने से इंकार कर दिया था.

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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का विकल्प है खुला
इस लिहाज से देखें तो कोई भी देश आईसीजे के फैसले को मानने की बाध्यता से जुड़ा हुआ नहीं है. चूंकि विएना समझौते से भारत-पाकिस्तान दोनों ही जुड़े हुए हैं. ऐसे में पाकिस्तान के लिए आईसीजे के फैसले से पलटना आसान नहीं होगा. ऐसे होने पर भारत के पास संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का विकल्प शेष रहेगा. वहां सदस्य देश किसी मसले पर वोटिंग कर उस पर फैसला करते हैं. हालांकि यहां भी एक पेंच भारत के लिए फंस सकता है.

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चीन क्या लगाएगा अड़ंगा
यह पेंच होगा चीन के रूप में. अगर कुलभूषण जाधव का मामला यूएनएससी पहुंचा और वोटिंग की नौबत आई, तो चीन वीटो पावर का इस्तेमाल कर भारत की राह में बड़ा रोड़ा अटका सकता है. हालांकि कुलभूषण मसले पर भारत के पक्ष में फैसला देने वाले जजों में चीन की जज भी शामिल थीं. इसके पहले चीन कूटनीतिक दबाव के चलते मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने में अपना अड़ियल रवैया त्याग चुका है. ऐसे में उम्मीद नहीं है कि पाकिस्तान आईसीजे के फैसले को पलटने की हिमाकत करेगा.

HIGHLIGHTS

  • विएना समझौते के तहत पाकिस्तान आईसीजे के फैसले को मानने को बाध्य.
  • अगर किसी कारण नहीं भी माना, तो सुरक्षा परिषद का विकल्प है खुला.
  • हालांकि वहां चीन एक बार फिर मदद को आ सकता है पाकिस्तान के.
INDIA pakistan security council Kulbhushan Jadhav ICJ Decision
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