लेबनान के प्रधानमंत्री साद हरीरी ने शनिवार को इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि उनका इस्तीफा क्षेत्र में ईरान के राजनीतिक अतिविस्तार के विरोध स्वरुप है।
हरीरी ने सऊदी की राजधानी रियाद से टेलीविजन पर जारी एक बयान में कहा, 'मैं लेबनान सरकार के प्रधानमंत्री पद से अपने इस्तीफे की घोषणा करता हूं।'
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, उन्होंने कहा कि देश आंतरिक और बाहरी ताकतों द्वारा उत्पन्न किए गए राजनीतिक प्रभावों से उबर जाएगा।
हरीरी ने क्षेत्र में ईरानी हस्तक्षेप की आलोचना करते हुए कहा कि इस्लामी गणराज्य (ईरान) अरब जगत को नष्ट करना चाहता है और अरब जगत की राजधानियों के निर्णयों पर अपने नियंत्रण का दावा करता है।
हरीरी ने कहा, 'ईरान के हाथ काट दिए जाएंगे। लेबनान इस क्षेत्र को अस्थिर करने में कोई भूमिका नहीं निभाएगा।'
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उन्होंने कहा, 'हिज्बुल्ला हथियारों के बल पर लेबनान में एक वास्तविकता थोपने में सक्षम था और उसके हस्तक्षेप के कारण हमें और हमारे अरब सहयोगियों को बड़ी परेशानी हुई।'
हरीरी ने लेबनान की मौजूदा राजनीतिक हालात की तुलना 2005 से की।
हरीरी ने कहा, 'लेबनान का माहौल ठीक उसी तरह है, जैसा रफीक हरीरी की हत्या से पहले था।' उन्होंने कहा कि वह कुछ समय से भयभीत थे कि उनकी भी हत्या कर दी जाएगी।
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उन्होंने कहा, 'जब मैंने पद संभाला था, आपसे वादा किया था कि मैं लेबनान को एकजुट करूंगा, राजनीतिक विभाजन समाप्त करूंगा और आत्मनिर्भरता का सिद्धांत विकसित करूंगा, लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सका। मेरे प्रयासों के बावजूद, ईरान लगातार लेबनान को परेशान करता रहा।'
हरीरी ने कहा, 'लेबनान एक महान देश है, कानून से शासित और सेना व उसके हथियारों से संरक्षित है। हम लेबनान के वैधानिक प्रशासन के बाहर के किसी भी हथियार को खारिज करते हैं। मैं उन सभी का शुक्रिया करता हूं, जिन्होंने मेरे साथ काम किया और मुझ पर भरोसा जताया।'
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Source : News Nation Bureau