आसमानी बिजली गिरने से क्यूबा के मातंजास बंदरगाह में एक ईंधन भंडारण सुविधा में भीषण आग लग गई. 5 अगस्त को लगी आग पर सोमवार सुबह तक काबू नहीं पाया जा सका है. इस आग को बुझाने के लिए क्यूबा ने दूसरे देशों से मदद मांगी है. फिलहाल आग से एक व्यक्ति की मौत हो गई और 122 अन्य घायल हो गए. इसकी सूचना सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार शाम 7 बजे आकाशीय बिजली गिरने के बाद संयंत्र में एक कच्चे तेल के टैंक में भीषण आग लग गई. आग अगली सुबह दूसरे टैंक में पहुंच गई, जिससे कई विस्फोट हो गए.
ईंधन भंडारण सुविधा की देखभाल करने वाले कर्मचारियों के मुताबिक आकाशीय बिजली की चपेट में आए पहले टैंक में लगभग 25,000 क्यूबिक लीटर कच्चा तेल था. बिजली गिरने से आग फैलने से रोकना और उसे बुझाने के काम आने वाला सिस्टम भी फेल हो गया. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अब तक करीब 5,000 निवासियों को घटनास्थल से सुरक्षित निकाला गया है. गौरतलब है कि कैरेबियाई देश ईंधन की कमी के कारण बिजली की कमी से जूझ रहा है. विस्फोटों के बाद क्यूबा की बिजली आपूर्ति और भी खराब हो सकती है.
आग की भयावहता का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि ईंधन भंडारण से उठती लपटों से पूरा आसमान पीला हो गया था. ईंधन भंडारण की यह सुविधा 140,000 की आबादी वाले शहर मतंजस के बाहरी इलाके में स्थित है. शुक्रवार रात लगी आग शनिवार तड़के दूसरे टैंक तक फैल गई, जिससे उसमें भी धमाके होने लगे. विस्फोट के बाद पूरा आसमान काला हो गया और चारों तरफ धुंआ फैल गया. आग पर काबू पाने के लिए हेलीकॉप्टरों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. मौके पर एंबुलेंस, पानी की टंकियां और क्रेन मौजूद थीं. विस्फोट इतना तेज था कि उसके झटके स्थानीय लोगों तक ने महसूस किए.
HIGHLIGHTS
- आकाशीय बिजली गिरने से लगी डिपो में आग
- दूसरे तेल टैंकों तक पहुंची लपटें, हुए धमाके