नेपाल में अपना प्रभाव बढ़ाने को कोशिश के तहत चीन ने भारत-नेपाल-चीन आर्थिक गलियारा बनाने का प्रस्ताव दिया है, जो बहुआयामी होगी और हिमालय से होकर गुजरेगी।
ऐसी संभावना जताई जा रही है कि चीन ने ये प्रस्ताव नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को दिया है। ओली को चीन का समर्थक माना जाता है।
नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्वाली की चीन यात्रा के दौरान चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात के दौरान ये प्रस्ताव दिया गया है।
दोनों की मुलाकात के बाद की गई प्रेस कॉंफ्रेंस के बाद वांग ने कहा, 'मैं कहना चाहूंगा कि चीन और नेपाल एक बहुआयामी हिमालय पार संपर्क नेटवर्क स्थापित करने के दीर्घकालीन दृष्टिकोण पर सहमति जताई है।'
नेपाल में ओली सरकार बनने के बाद ग्वाली अपनी पहली चीन यात्रा पर थे।
वांग ने कहा कि चीन और नेपाल चीन की अरबों डॉलर वाले प्रोजेक्ट बेल्ट एंड रोड पहल (बीआरआई) से संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर किया है जिसका एक हिस्सा संपर्क नेटवर्क में आपसी तालमेल बढ़ाना भी है।
दोनों देशों के बीच बंदरगाह, रेलवे, राजमार्ग, विमानन, बिजली और संचार संबंधी संपर्क नेटवर्क को स्थापित किया जाना भी शामिल है।
वांग यी ने कहा, 'हम समझते हैं इस तरह की बेहतर तरीके से विकसित संपर्क नेटवर्क चीन, नेपाल और भारत को जोड़ने वाले एक बेहतर आर्थिक गलियारे की स्थापना का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।'
उन्होंने कहा, 'हमें उम्मीद है कि इस तरह के सहयोग से तीनों देशों के विकास और समृद्धि में योगदान मिलेगा'
वांग से यह पूछे जाने पर कि क्या ग्वाली की चीन यात्रा ओली की भारत यात्रा के कारण संतुलन स्थापित करने की कोशिश में है तो उन्होंने कहा कि यह भारत, चीन और नेपाल के बीच त्रिपक्षीय सहयोग की बात है। भारत और चीन को इसका इसमें यहयोग देना होगा।
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Source : News Nation Bureau