Australia: ऑस्ट्रेलिया में संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक, चार प्रदर्शनकारियों ने छत से फहराए फलस्तीन समर्थक बैनर-पोस्टर
ऑस्ट्रेलिया में आज संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक हो गई. यहां चार फलस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारी संसद में घुसे और छत पर चढ़ गए. उन्होंने काले बैनर फहराए और इस्राइली सरकार पर युद्ध का आरोप लगाया. पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर लिया है.
कैनबरा:
ऑस्ट्रेलिया में ससंद की सुरक्षा में बड़ी चूक हो गई है. यहां चार फलस्तीन समर्थक पदर्शनकारी संसद में घुसे और भवन की छत पर चढ़ गए. संसद से उन्होंने काले बैनर फहराए. मामले में पुलिस ने चारों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया. घटना पर सांसदों ने आक्रोश जताया. उन्होंने घटना की निंदा की. सत्तारूढ़ दल के एक सीनेटर ने फलस्तीन पर सरकार के रूख पर ऐतराज जताते हुए इस्तीफा दे दिया. प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने विरोध प्रदर्शनों की निंदा की है. बता दें, घटना आज सुबह करीब 11.30 बजे की है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार. प्रदर्शनकारी करीब 1 घंटे तक छत पर थे. उनके बैनर पर लिखा था- नदी से लेकर समुद्र तक फलस्तीन आजाद होगा. बता दें, यह फलस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों के लिए आम नारा है. प्रदर्शनकारियों ने एक मेगफोन का भी इस्तेमाल किया. उन्होंने संसद की छत से इस्राइली सरकार पर युद्ध का आरोप लगाया. प्रदर्शनकारी कह रहे थे कि हम इस जुल्म को नहीं भूलेंगे. हम इसे माफ नहीं करेंगे. हम विरोध करते रहेंगे.
कारणों की तलाश करें
ऑस्ट्रेलियाई पुलिस के प्रवक्ता ने घटना के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन पर अतिक्रमण के आरोप लगाए गए हैं. दो साल तक संसद परिसर में उनके प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया गया है. पुलिस ने कहा कि शांतिपूर्ण विरोध को हम स्वीकार करते हैं पर इसे शांतिपूर्ण नहीं कहा जा सकता. इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया के निचले सदन के अध्यक्ष मिल्टन डिक का कहना है कि घटना की जांच किया जाना चाहिए. हमें पता लगाना चाहिए कि सुरक्षा में सेंध लगी कैसे.
सात अक्तूबर से जारी है युद्ध
बता दें, इस्राइल और हमास के बीच सात अक्टूबर से युद्ध हो रहा है, जब अलसुबह हमास ने पांच हजार रॉकेटों से इस्राइली शहरों पर हमला कर दिया था. हमले को इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने आतंकी हमला करार दिया. वे कई बार कमस खा चुके हैं कि जब तक वे हमास को पूर्ण रूप से तबाह नहीं कर देते हैं तब तक युद्ध विराम की घोषणा नहीं करेंगे. युद्ध में अब तक 38 हजार से अधिक फलस्तीनियों की मौत हो गई. इनमें अधिकतर महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग नागरिक हैं.
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