प्रभावशाली अमेरिकी सीनेटरों के एक समूह ने मालाबार युद्धाभ्यास में Australia को बुलाने के भारत के फैसले का स्वागत किया है. भारत-चीन सीमा विवाद के बीच भारत ने सोमवार को आगामी मालाबार नौसेना युद्धाभ्यास में अमेरिका (America) और Japan के साथ ऑस्ट्रेलिया के भी हिस्सा लेने की घोषणा की थी. यह ‘क्वॉड’ समूह के चार देशों भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की सैन्य स्तर पर पहली भागीदारी होगी. इस लिहाज से देखें तो हर साल नवंबर में होने वाला मालाबार युद्धाभ्यास इस साल और खास होगा. 13 साल बाद भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाएं एक साथ जुटेंगी और चीन को कड़ा संदेश देते हुए शक्ति प्रदर्शन करेंगी.
यह भी पढ़ेंः अंततः चीन की सेना को कहना पड़ा शुक्रिया Indian Army, जानें क्या हुआ
सीनेटर पर्डु ने लिखा भारतीय राजदूत को पत्र
अमेरिका की सीनेट फॉरन रिलेशन्स कमेटी के सदस्य सीनेटर डेविड पर्डू ने अमेरिका में भारत के राजदूत टीएस संधू को लिखा है, 'हम सालाना होने वाले मालाबार अभ्यास मे ऑस्ट्रेलिया को औपचारिक न्योता देने के भारत के फैसले के पूरे समर्थन में हैं.' खत में कहा गया है कि चीन के बढ़ते सैन्य और आर्थिक रवैये को देखते हुए क्वॉड देशों को मजबूत करना अहम है. सीनेटरों ने कहा, ‘संचालन के दृष्टिकोण से, ऑस्ट्रेलिया जैसे विशिष्ट रूप से सक्षम और योग्य निष्ठावान साझेदार का नौसेना अभ्यास में शामिल होना अमूल्य है. यह परस्पर साथ काम करने की क्षमता को बढ़ाएगा, खतरे की मूल्यांकन क्षमताओं को मजबूत करेगा और चारों नौसेना शक्तियों की समुद्री भूमिकाओं और मिशनों का भी विस्तार करेगा.’
यह भी पढ़ेंः कश्मीर-लद्दाख में 10 सुरंग बनेंगी, चीन तक पहुंच होगी आसान
भारत की सराहना करने में ये हैं शामिल
सीनेट की विदेश संबंधों की समिति के सदस्य रिपब्लिकन सीनेटर डेविड पेर्ड्यू के नेतृत्व में, सीनेटर मार्शा ब्लैकबर्न, क्रिस कून्स, जॉन कॉर्निन, केविन क्रैमर, टेड क्रूज़, जोश हॉले, जेम्स लैंकफोर्ड, केली लोफ्लर, मार्था मैकस्ली , मार्को रुबियो, डैन सुलिवन, थॉम टिलिस और मार्क वार्नर ने भी इस पत्र पर हस्ताक्षर किए. पत्र में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मानवीय सहायता, टीका निर्माण और बुनियादी ढांचे के निवेश जैसे गैर-सुरक्षा मुद्दों पर ‘क्वाड’ सदस्यों के बीच बढ़ते समन्वय की भी सराहना की गई.
यह भी पढ़ेंः कट्टरवादी और आतंकवादी मदरसों में पले-बढ़े : उषा ठाकुर
चीन की चाल को लगा झटका
इसमें आगे कहा गया है, 'जब दुनिया कोविड-19 की महामारी से लड़ रही है, चीन ने मौकापरस्ती दिखाते हुए इंडो-पैसिफिक में अपनी सैन्य मौजूदगी का विस्तार करना शुरू कर दिया.' सीनेटर ने खत में कहा है कि महामारी से चीन के बेल्ट ऐंड रोड इनिशिएटिव और कर्ज के जाल में फंसाने की कोशिश को झटका लगा है. इंडो-पैसिफिक में फ्री-ओपन ट्रेड से क्षेत्र में सतत निवेश होगा. वहीं, चीन ने मंगलवार को कहा कि उसने भारत की इस घोषणा का 'संज्ञान लिया' है कि अमेरिका और जापान के साथ आस्ट्रेलिया भी सालाना मालाबार नौसेना अभ्यास में हिस्सा लेगा. उसने कहा कि सैन्य सहयोग, क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए 'अनुकूल' होना चाहिए.
यह भी पढ़ेंः FATF से पाकिस्तान को मिलेगा बड़ा झटका, ग्रे लिस्ट में रहेगा बरकरार
भारत-अमेरिका से हुई थी शुरुआत
मालाबार अभ्यास 1992 में भारतीय नौसेना और अमेरिकी नौसेना के बीच हिंद महासागर में द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में शुरू हुआ था. जापान 2015 में इस अभ्यास का स्थायी हिस्सेदार बना. 2018 में यह अभ्यास फिलीपन सागर में गुआम तट के पास और 2019 में यह जापान तट के पास हुआ था. पिछले कुछ सालों से आस्ट्रेलिया इस अभ्यास से जुड़ने में बड़ी दिलचस्पी दिखा रहा है.