मलेशिया ने भारत सरकार झटका देते हुए विवादित धर्म उपदेशक जाकिर नाईक के प्रत्यर्पण से इंकार कर दिया है। मलेशियाई पीएम महातिर मोहम्मद ने शुक्रवार को कहा कि जाकिर नाईक को भारत के सामने प्रत्यर्पित नहीं किया जाएगा।
महातिर मोहम्मद ने कहा,' जब तक नाईक से हमारे देश को किसी प्रकार का खतरा नहीं है तब तक हम उसे प्रत्यर्पित नहीं करेंगे, क्योंकि जाकिर को मलेशिया की भी नागरिकता प्राप्त है।'
बता दें कि भारत और मलेशिया के बीच आतंकवाद से निपटने को लेकर बढ़ते सहयोग के बावजूद नाईक मलेशिया में शरण पाने में सफल रहा था। हालांकि पीएम नरेन्द्र मोदी के 31 मई दौरे के बाद नाईक की मुश्किलें बढ़ गई थी।
गौरतलब है कि जाकिर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और आतंक के मामले में एनआईए जांच कर रही है। नाईक ने जुलाई 2016 में तब भारत छोड़ा था जब बांग्लादेश में मौजूद आतंकियों ने दावा किया था कि वे जाकिर के भाषणों से प्रेरित हो रहे हैं।
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एनआईए ने मुंबई ब्रांच में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत जाकिर के खिलाफ 18 नवंबर, 2016 को केस दर्ज किया था।
नाइक के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज है।
जाकिर पर IRF की धारा 10 UA (P) और IPC की 120B, 153A, 295A, 298 और 505(2) धाराएं लगाई गईं हैं। जांच में यह पाया गया था कि जाकिर नाइक अपने भाषणों से विभिन्न समुदायों के बीच नफरत पैदा कर रहा था।
आपको बता दें कि पीएम मोदी के दौरे के बाद मलेशिया के प्रधानमंत्री ने भी स्पष्ट कर दिया था कि वह नाईक को वापस भारत लौटाएंगे। लेकिन बावजूद इसके मलेशियाई पीएम की ओर से इस बयान ने भारत की उम्मीदों को बड़ा झटका दिया है।
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Source : News Nation Bureau