जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में उस वक्त लोग दहशत में आ गए जब उन्होंने 500 किलो का बम देखा. द्वितीय विश्य युद्ध में अमेरिका द्वारा यह बम फेंका गया था, जो फटा नहीं था. ड्यूश वेले के अनुसार, बम को डिफ्यूज करने के लिए पूरे इलाके को खाली कराया गया. नर्सिंग होम समेत 16,500 लोगों को इलाका छोड़ने के लिए कहा गया. शनिवार को लगभग 25 कोमा और स्ट्रोक के मरीजों को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया.
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इसके साथ ही बम मिलने वाली जगह के आसपास अधिकारियों द्वारा एक निकासी क्षेत्र बनाया गया, जिसमें यूरोपीय सेंट्रल बैंक का परिसर भी शामिल था. पूरे फ्रैंकफर्ट को बंद कर दिया गया. इसके बाद बम को डिफ्यूज करने का काम शुरू हुआ. बम डिफ्यूज करने वाली यूनिट ने दोपहर 12 बजे से काम शुरू किया जो शाम 6 बजे तक चला.
अधिकारियों के अनुसार, बम के "हेड" में दो डेटोनेटरों में से एक अभी भी भूमिगत है, जो एक चुनौती पेश कर सकता है.
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इस दौरान यातायात प्रभावित हुआ. ट्रम और बस की सर्विस का रास्ता बदल दिया गया है. क्षेत्रीय और इंटरसिटी रेल सेवाओं के जर्मन शहर को पूरी तरह से बायपास करने की उम्मीद है. अगर जरूरी हुई तो उड़ान भी प्रभावित हो सकती है.
गौरतलब है कि 2017 में एक निर्माण कार्य के दौरान अग्निशमन विभाग ने 1,600 बम बरामद किया था. ब्रिटिश 'ब्लॉकबस्टर' बम को डिफ्यूज करने के लिए 65,000 निवासियों को निकाला था.