इस समय डोमिनिका में रह रहे भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी ने एंटीगुआ और बारबुडा पुलिस में दर्ज कराई गई अपनी शिकायत में रहस्यमय महिला बारबरा जैबरिका और भारतीय अधिकारियों गुरमीत सिंह और नरिंदर सिंह का नाम लिया है. आईएएनएस ने 4 जून को सबसे पहले मेहुल चोकसी मामले में भारत के निवासी गुरमीत सिंह के नाम की सूचना दी थी, जिसका नाम दो जहाजों (लेडी ऐनी और कैलीओप ऑफ अर्ने) की यात्री सूची में था. आईएएनएस को जहाजों की तस्वीरें और कई दस्तावेज के बारे में सूचना मिली थी. आईएएनएस को वह तस्वीर भी मिली, जिसमें तीन अन्य पुरुषों के साथ जहाज पर खड़े काले कुर्ता-पायजामा पहने दो लोगों को देखा जा सकता है.
कोबरा टूअर्स के रिकॉर्ड के अनुसार, कैलीओप ऑफ अर्ने जहाज की यात्री सूची में ब्रिटेन के बर्मिघम निवासी गुरजीत भंडाल और भारत के निवासी गुरमीत सिंह के नाम का उल्लेख है. सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क विभाग के दस्तावेजों के अनुसार, कैलीओप ऑफ अर्ने ने 25 मई को डोमिनिका के पोर्ट्समाउथ बंदरगाह में प्रवेश किया था. चोकसी की शिकायत एंटीगुआ पुलिस में दो जून को दर्ज की गई है.
डोमिनिका में अवैध रूप से प्रवेश करने के आरोपों का सामना कर रहे चोकसी ने अपनी शिकायत में कहा है कि वह पिछले तीन साल से एंटीगुआ और बारबुडा में रह रहा है और वहां वह जैबरिका के संपर्क में आया, जो उसके पड़ोस में रहती थी. उसने यह भी कहा कि वह 23 मई को शाम करीब 5 बजे जैबरिका से मिलने गया था, जब एंटीगुआ पुलिस अधिकारी होने का दावा करने वाले 8 से 10 लोगों ने उसका अपहरण कर लिया.
चोकसी ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि जिन लोगों ने उसका अपहरण किया था, उन्होंने उससे कहा कि वे उसे सेंट जॉन पुलिस स्टेशन ले जाएंगे. मेहुल चोकसी के अनुसार, जब उसने विरोध किया और अपने वकीलों से संपर्क करने का अनुरोध किया तो उन्होंने उसे शारीरिक तौर पर प्रताड़ित किया और उसके साथ मारपीट की गई.
भगोड़े व्यवसायी ने शिकायत में कहा कि उसने उनसे दूर जाने का प्रयास भी किया, मगर चूंकि उन कथित सुरक्षाकर्मियों की अधिक संख्या और उसके खराब स्वास्थ्य के कारण वह वहां से निकलने में असफल रहा. चोकसी ने शिकायत में कहा कि हमलावरों ने उसे बड़ी बेरहमी से पीटा और उसके चेहरे व हाथों पर एक टसर (बंदूक) का भी इस्तेमाल किया. उन्होंने मुझसे आगे कहा कि अगर मैं विरोध करता रहा तो वे मेरे खिलाफ न्याय में बाधा डालने की शिकायत दर्ज कराएंगे. चोकसी ने आगे कहा कि हमलावरों ने उसे व्हीलचेयर पर बिठा दिया, क्योंकि वह लगभग बेहोशी की हालत में था.
भगोड़े हीरा कारोबारी ने कहा, जब उन्होंने मेरे हाथ, पैर और शरीर को व्हील चेयर से बांध दिया तो मैं विरोध करने में असमर्थ था. मेरे मुंह में एक गैग (मुंह को बंद रखने के लिए कपड़ा इत्यादि बांधना) रखा गया था जो मेरे वायुमार्ग को बाधित कर रहा था, जिससे मैं ऑक्सीजन के लिए हांफ रहा था. उन्होंने अपना हमला जारी रखा और मेरे सिर पर एक मास्क लगा दिया। अब मैं देखी भी नहीं पा रहा था.
चोकसी ने आगे कहा कि उसी अवस्था में उसे जैबरिका के घर के पिछले हिस्से में ले जाया गया और मुझे एक बहुत ही छोटे जलयान (वॉटरक्राफ्ट) की तरह दिखने वाले स्थान पर रखा गया. इस पूरे घटनाक्रम के दौरान, जैबरिका ने बाहर से मदद के लिए किसी को बुलाने से लेकर खुद भी मेरी मदद करने का प्रयास भी नहीं किया.
भगोड़े व्यवसायी ने आरोप लगाते हुए कहा कि जैबरिका की ओर से उसे उक्त व्यक्तियों से मुक्त होने में मदद नहीं करना और उसके बाद पुलिस से संपर्क करने में पहल की कमी स्पष्ट रूप से इस तथ्य की ओर इशारा करती है कि वह उसका अपहरण करने के लिए इस पूरी योजना का एक अभिन्न अंग थी.
चोकसी ने यह भी कहा कि उसे एक बहुत बड़ी नाव में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां उसका मास्क हटा दिया गया. उसने कहा, "अब मुझे अहसास हो चुका था कि हम सेंट जॉन्स पुलिस स्टेशन नहीं जा रहे हैं, क्योंकि वहां जाने के लिए तो किसी तरह की नाव का उपयोग करने की कोई आवश्यकता ही नहीं थी. मेरे पूछने पर, उन्होंने बहुत ही टाल-मटोल करने वाले जवाब दिए और मुझे धमकी भरे तरीके से चुपचाप रहने का आदेश दिया. उन्होंने मुझसे कहा कि चुप रहो नहीं तो गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहो."
उन्होंने आगे कहा कि बोर्ड पर दो भारतीय और कैरिबियन मूल के तीन व्यक्ति थे. चोकसी ने कहा कि वे लोग भाड़े के कर्मी प्रतीत हो रहे थे, जिन्हें विशेष रूप से इस तरह के क्रूर और गैरकानूनी तरीके से मुझे हिरासत में लेने और अपहरण करने के उद्देश्य से काम पर रखा गया था.
चोकसी ने यह भी बताया कि उसे बंदी बनाने वालों में से एक भारतीय मूल के व्यक्ति ने उससे बात करना शुरू कर दिया, यह कहते हुए कि वे उसे लगभग एक साल से निगरानी में रख रहे थे. भगोड़े व्यवसायी ने कहा कि "वे मेरे घर की अंदरूनी चीजों के बारे में भी बखूबी जानते थे. जैसे कि मेरे पास एक नन थी, जहां मैं जा रहा हूं, मेरे पसंदीदा रेस्तरां, मेरे दैनिक कार्यक्रम आदि के बारे में उन्हें सब जानकारी थी."
चोकसी ने आगे कहा कि कुछ समय बाद, दूसरा भारतीय व्यक्ति आया और उससे उसकी वित्तीय चीजों के बारे में विस्तृत प्रश्न पूछने लगा. चोकसी ने बताया कि उस व्यक्ति ने उससे उसके ऑफ्शोर (अपतटीय) बैंक खातों के बारे में पूछा.
चोकसी ने कहा, "इस बारे में मैं निश्चित रूप से कोई जवाब नहीं दे सका, क्योंकि मेरे पास ऐसे कोई खाते नहीं है. मेरे जवाब असंतोषजनक थे इसलिए उन्होंने मुझे यह कहकर धमकी दी कि जब मैं भारत वापस जाऊंगा तो मेरे परिवार और मुझे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे."
चोकसी ने कहा, "मुझे एक व्यक्ति से फोन पर बात करने के लिए कहा गया, जिसने खुद को नरिंदर सिंह के रूप में बताया. उसने कहा कि वह मेरे मामले का मुख्य एजेंट है. उसने मुझ पर यह कहने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया कि मैंने बंदी बनाने वालों के साथ सहयोग किया है और मैं अपनी मर्जी से उनके साथ गया था, जो निश्चित रूप से सच नहीं था."
चोकसी ने अपनी शिकायत में बताया, "मेरे विरोध की बात सुनकर, उसने धमकी दी कि अगर मैंने इसका पालन नहीं किया तो मुझे और मेरे परिवार को शारीरिक नुकसान होगा." चोकसी ने यह भी कहा कि 15 से 17 घंटे से अधिक समय तक चलने के बाद, नाव ने चलना बंद कर दिया और मुझे सूचित किया गया कि हम आ चुके हैं, जो एंटीगुआ का सुबह का लगभग 9.30 से 10 बजे का समय हो सकता है.
चोकसी ने दावा किया कि जब उसने अपने ठिकाने के बारे में पूछा, तो उसे फिर से टाल-मटोल जवाब दिए गए। चोकसी ने कहा कि "मुझे बताया गया कि मुझे एक बड़े भारतीय राजनेता से कुछ सवाल-जवाब के लिए इस विशेष स्थान पर लाया गया है." चोकसी ने कहा, "उन्होंने मुझे यह भी बताया कि डोमिनिका में मेरी नागरिकता तय हो जाएगी और मुझे जल्द ही भारत वापस भेज दिया जाएगा."
भगोड़े कारोबारी ने कहा, "इससे चालक दल के सदस्यों में बहुत निराशा हुई, क्योंकि उन्हें लगातार रेडियो कॉल आ रहे थे कि मेरा ऑपरेशन अभी तक पूरा क्यों नहीं हुआ है. वे परेशान हो रहे थे, क्योंकि उन्हें मुझे अधिकारियों को सौंपना चाहिए था." चोकसी ने दावा किया, "जब हम इंतजार कर रहे थे, तो मुझसे 1500 डॉलर की नकदी लूट ली गई और नाविक को दे दी गई, यह कहते हुए कि एक बार साक्षात्कार हो जाने के बाद, वह मुझे एंटीगुआ वापस ले जाएगा."
चोकसी ने कहा, "इस बिंदु पर, गुरमीत सिंह, मेरे पास आया और कहा कि योजनाएं बदल गई हैं." उन्होंने सूचित किया कि वे उसे डोमिनिकन पुलिस आयुक्त को सौंप देंगे और इस स्थानांतरण को करने के लिए एक घंटे में एक तट रक्षक नाव आ जाएगी. चोकसी ने कहा, "वह सबसे लंबे समय तक नहीं पहुंचा और मैं सोने ही वाला था कि अलार्म बज उठा कि तट रक्षक पोत आखिरकार आ रहा है."
भगोड़े हीरा व्यापारी ने दावा किया कि उसे बंदरगाह पर चीफ सहित पुलिसकर्मियों की एक टीम ने अपनी अपने साथ ले लिया. चोकसी ने कहा, "उन्होंने खुद को पुलिस प्रमुख के रूप में पेश किया और मुझे इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस के कारण पकड़ा गया." उसने कहा, "बंदरगाह पर मुझे एक अधिकारी और उनकी टीम को केंद्रीय पुलिस स्टेशन ले जाने के लिए सौंप दिया गया."
चोकसी ने यह भी दावा किया कि उसे चोट लगी थी, मगर उसे फिर भी चिकित्सा उपचार से वंचित कर दिया गया. इसके अलावा उसे किसी भी कानूनी प्रतिनिधि से बात करने की भी अनुमति नहीं दी गई, क्योंकि उसे बताया गया था कि वह यहां कैदियों के साथ ऐसा नहीं करते हैं. उसने यह भी दावा किया कि पहले कुछ दिनों तक तो उसके कपड़े तक नहीं बदले गए थे.
चोकसी ने कहा, "दो-तीन दिनों के बाद, उन्होंने मुझे कुछ जोड़े कपड़े दिए, लेकिन कहा गया कि मुझे खुद ही कपड़े साफ करने होंगे और सूखने के लिए उन्हें लटकाना होगा." भगोड़े व्यवसायी ने कहा कि उसके वकीलों को कुछ दिनों के बाद उससे बात करने की अनुमति दी गई.
बता दें कि चोकसी 23 मई को एंटीगुआ से लापता हो गया था, जिसके बाद बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया गया था. उसे तीन दिन बाद 26 मई को डोमिनिका में पकड़ लिया गया था. डोमिनिका की एक अदालत ने चोकसी के वकीलों द्वारा दायर एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई के बाद अगले आदेश तक उसके प्रत्यर्पण पर रोक लगा दी है.
पिछले बुधवार को, चोकसी डोमिनिका में एक स्थानीय मजिस्ट्रेट के सामने पेश हुआ था और उसने कैरेबियाई द्वीप राष्ट्र में अवैध रूप से प्रवेश करने का दोषी नहीं होने का अनुरोध किया था. 27 मई को, डोमिनिका में चोकसी की पहली तस्वीरें ऑनलाइन सामने आईं, जिसमें उसकी बाहों पर चोट के निशान और सूजी हुई आंख दिखाई दे रही थी. भगोड़ा व्यवसायी 13,5000 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ऋण धोखाधड़ी मामले में भारत में वांछित है.
Source : News Nation Bureau