माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला का मानना है कि मल्टीनेश्नल कंपनियों को दुनियाभर की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं व संस्थाओं को ध्यान में रखते हुए अपनी एकतरफ़ा नीतियों को छोड़ना होगा. नडेला के अनुसार बड़ी कंपनियों की एकतरफ़ा नीति व कार्रवाईयां स्थायी समाधान नहीं दे सकती हैं. यह लोकतांत्रिक देशों में स्थाई तौर लागू नहीं की जा सकती हैं. सत्य नडेला ने ब्लूमबर्ग को दिए इंटरव्यू में कहा कि,'बहुराष्ट्रीय कंपनियों को अपने लिए कानूनी तौर तरीकों का एक खाका बनाना होगा जो हमें अमरीका जैसी लोकतांत्रिक प्रणाली के अनुकूल रख सके.'
माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ (CEO) सत्य नडेला ने इस इंटरव्यू में कहा कि फेसबुक,ट्विटर और इंस्टाग्राम आदि जैसे सोशल मीडिया कंपनियों को पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप के जैसे अपने विवादस्पद अकाउंट्स को नियमित और संचालित करने के लिए साफ सुथरे नियम बनाने चाहिए. नडेला के अनुसार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर इन कंपनियों को अपनी नीति और योजना स्पष्ट करनी चाहिए. इन्हें यूजर को छूट देने के बजाए खुद तय करना होगा कि उनकी सीमा रेखा क्या हो.
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सत्य का मानना है कि एक लोकतांत्रिक देश के नागरिक के नाते वह नहीं चाहते है कि किसी एक सीईओ के सिर यह जिम्मेदारी आए. यह हमारे लोकतंत्र के लिए नुकसानदेह होगा. लेकिन,इस मामले में हमें अपने लोकतंत्र की अहमियत और पवित्रता बनाए रखने के लिए जरूरी है कि प्रत्येक सीईओ अपनी जिम्मेदारी निबाहें. कम से कम मैं तो इसी बात की वकालत करता हूं. वैसे माइक्रोसॉफ्ट वर्तमान में तो ग्राहक आधारित सोशल मीडिया सेवा प्रदाता कंपनी संचालित नहीं करती है लेकिन क्लाउड कम्प्यूटिंग सेवा प्रदाता होने के कारण इसे अमरीका में सोशल मीडिया बनाम अभिव्यक्ति की निजी स्वतंत्रता को लेकर चल रही बहस में अपना पक्ष रखने के लिए मजबूर कर दिया है.
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वैसे माइक्रोसॉफ्ट वर्तमान में तो ग्राहक आधारित सोशल मीडिया सेवा प्रदाता कंपनी संचालित नहीं करती है लेकिन क्लाउड कम्प्यूटिंग सेवा प्रदाता होने के कारण इसे अमरीका में सोशल मीडिया बनाम अभिव्यक्ति की निजी स्वतंत्रता को लेकर चल रही बहस में अपना पक्ष रखने के लिए मजबूर कर दिया है.
Amazon.com Inc. ने हाल ही में Parler LLC एप्प को अपनी क्लाउड होस्टि्ंग से हटा दिया था. Parler LLC सोशल नेटवर्क के उन समूहों खासा लोकप्रिय था जो पुरातनपंथी और चरमपंथी समूहो या व्यक्तियों के तौर पर पहचाने जाते हैं. यह समूह खुद को एंटी सेंसरशिप आंदोलन स्वघोषित प्रवक्ता मानते हैं. गूगल भी अपने एप्प स्टोर से Parler को हटा चुका है. नडेला के अनुसार,' कंपनियों को ऐसा बिजनेस माडल की जरूरत है जो दुनिया की जरूरत के मुताबिक हो.'
गौरतलब है कि भारत के नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर सत्य नडेला बड़ा बयान दे चुके हैं वह इस कानून के विरोध में थे अपने उस बयान ने कहा था कि," जो हो रहा है वह दुखद है...यह बुरा है....मैं एक ऐसे बांग्लादेशी अप्रवासी को देखना पसंद करूंगा जो भारत में आता है और इंफोसिस का अगला सीईओ बनता है. "
HIGHLIGHTS
- माइक्रोसॉफ्ट वर्तमान में तो ग्राहक आधारित सोशल मीडिया सेवा प्रदाता कंपनी संचालित नहीं करती है
- बहुराष्ट्रीय कंपनियों को अपने लिए कानूनी तौर तरीकों का एक खाका बनाना होगा
- विवादस्पद अकाउंट्स को नियमित और संचालित करने के लिए साफ सुथरे नियम बनाने चाहिए.
Source : News Nation Bureau