शरणार्थियों के मसले पर यूरोपीय संघ के सदस्य देश पोलैंड और रूस के अभिन्न मित्र बेलारूस में जंग के आसार पैदा हो गए हैं. स्थिति इतनी विकट हो गई है कि ब्रिटेन तक को अपने सैनिक पोलैंड की मदद के लिए भेजने पड़े हैं, तो बेलारूस के राष्ट्रपति ने यूरोप की सीमा बंद करने पर प्राकृतिक गैस की पाइप लाइन काटने तक की दमकी दे डाली है. यह विवाद बीते काफी दिनों से चल रहा है, जो अब भीषण जंग की शक्ल अख्तियार कर सकता है. विवाद के केंद्र में हैं शरणार्थी जिन्हें बेलारूस पर कथित तौर पर हिंसा के लिए हथियार देने का आरोप पोलैंड लगा रहा है. माना जा रहा है कि हिंसक शरणार्थियों से त्रस्त पोलैंड के सैनिक किसी भी दिन शरणार्थियों पर गोलीबारी कर उन्हें अपनी सीमा से पीछे धकेल सकते हैं.
प्राप्त जानकारी के अनुसार बेलारूस ने सीमा पर भारी तादाद में सैनिक तैनात कर दिए हैं. इसके बाद पोलैंड ने भी अपने भारी हथियारों से लैस 15 हजार सैनिक सीमा पर भेजे हैं. पोलैंड ने आरोप लगाया है कि बेलारूस उनकी सीमा में आ रहे शरणार्थियों को हथियार दे रहा है ताकि वे ताकत के बल पर घुस जाएं. दोनों तरफ के लोगों के पास हथियार हैं, इससे इस बात का खतरा बढ़ गया है कि खूनी हिंसा हो सकती है. पोलैंड से आ रही खबरों में यह भी दावा किया जा रहा है कि बेलारूस की ओर से शरणार्थियों को निर्देश दिया गया है कि वे कुजनिका सीमा पर हमला करें. यह उन दो प्रमुख स्थानों में से है जहां से बेलारूस के रास्ते पोलैंड में प्रवेश किया जा सकता है.
इससे पहले बेलारूस ने पोलैंड के साथ जारी विवाद के बीच रूस से परमाणु बम की मांग की थी. राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने रूसी मीडिया के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि बेलारूस रूस की परमाणु हमला करने में सक्षम इस्कंदर मिसाइल सिस्टम को खरीदना चाहता है. लुकाशेंको ने यह भी ऐलान किया कि वह इन मिसाइल सिस्टम को अपने देश के दक्षिण और पश्चिम में तैनात करने की योजना बना रहे हैं. बेलारूस के दक्षिण में यूक्रेन और पश्चिम में पोलैंड है. इन दोनों देशों के साथ रूस और बेलारूस के संबंध बहुत खराब हैं. लुकाशेंको पर राष्ट्रपति चुनाव में धांधली कर जीतने का आरोप है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बेलारूस-पोलैंड सीमा पर उत्पन्न स्थिति पर चिंता व्यक्त की है, जहां हजारों प्रवासी और शरणार्थी ठंड के मौसम में फंस गए हैं. उनके प्रवक्ता ने यह जानकारी दी. महासचिव ने इस महत्व को दोहराया कि प्रवासन और शरणार्थी मुद्दों को मानवीय सिद्धांतों और अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार निपटाया जाना चाहिए. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक के हवाले से कहा कि ऐसी स्थितियों का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाना चाहिए, जो राज्यों के बीच तनाव का कारण बने.
HIGHLIGHTS
- पोलैंड और बेलारूस के बीच जंग का खतरा
- पोलैंड ने 15 हजार सैनिक बेलारूस सीमा पर भेजे
- बेलारूस के भारी तादाद में सैनिक तैनात