पाकिस्तानी सेना पर कराची और सिंध में रह रहे आम लोगों पर अत्याचार करने का आरोप लगया गया है. ये आरोप और किसी ने नहीं बल्कि खुद पाकिस्तान की एक राजनीतिक पार्टी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) ने लगाया है. खबरों के मुताबिक एमक्यूएम के सेंट्रल को-ऑर्डिनेशनव कमेटी के नेताओं का आरोप है कि जो पाकिस्तान फिलहाल कश्मीर का मुद्दा उठा रहा है वो खुद कराची और सिंध में लोगों पर अत्याचार कर रहा है.
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कमेटी के डिप्टी कन्वेनर कासिम अली रजा ने आरोप लगाते हुए कहा कि अपराधियों को सजा देने के नाम पर पाकिस्तान की मिलिट्री ने हजारों निर्दोष मुहाजिरों की हत्या कर दी. कई लोगों को बंधक भी बनाया गया जिनका कुछ पता नहीं है. उन्होंने कहा, इन निर्दोष मुजाहिरों की आवाज पाकिस्तान में कोई संस्था नहीं सुन रही. उन्होंने कहा, एमक्यूएम पार्टी इस अन्याय के खिलाफ लोकतांत्रिक देशों से मदद मांगेगी. ये भी हो सकता है कि सारे दबाए हुए लोग एकजुट हों और इस अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाएं. इसी के साथ रजा की तरफ से मांग भी की गई है कि पाक मिलिट्री निर्दोषों पर अत्याचार करने के बजाय संविधान के तहत काम करें.
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इससे पहले खुद को शांती का प्रवर्तक बताने वाले अमेरिका में ऑस्ट्रेलियाई इस्लामी विद्वान इमाम मुहम्मद तावहीदी ने भी कहा था कि कश्मीर कभी भी पाकिस्तान का हिस्सा नहीं हो सकता. उन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर कहा है कि कश्मीर कभी भी पाकिस्तान का हिस्सा नहीं था और न ही आगे कभी होगा. उनका कहना है कि पाकिस्तान और कश्मीर दोनों ही भारत का हिस्सा हैं.
ऑस्ट्रेलियाई शिया इमाम ने ट्वीट कर कहा, 'जो हिंदू धर्म बदलकर इस्लाम अपनाते हैं वो इस बात को कभी नहीं बदल सकते की पूरा क्षेत्र कि हिंदू भूमि है. भारत पाकिस्तान और इस्लाम से भी पुराना है. इस बात को लेकर इमानदार रहें.'