पाकिस्तान (Pakistan) ने ना जाने कितनी बार झूठ बोला है कि वो आतंकवादिओं के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है. और बाद में पता चलता है कि पकिस्तान असल में उनकी मदद कर रहा है.जी हां. दरअसल लाहौर हाई कोर्ट ने आतंकी हाफिद सईद (hafiz saeed) के साथियों को रिहा कर दिया है. इन पर इल्ज़ाम थे कि ये सभी आतंकवादिओं को फंडिंग करते हैं. यानी इन सभी के ऊपर से टेरर फंडिंग का केस हटा दिया है. जिससे हुआ अब ये है कि पूरे विश्व के सामने एक बार फिर पाकिस्तान सरकार के झूठे दावे सामने आ गए हैं.
आपको बताते चलें कि आतंकी हाफिज सईद (hafiz saeed) जमात-उद-दावा नाम का संघटन चलाता है, जो लश्कर-ए-तैयबा का ही नया रूप है. और जैसा आप जानते ही हैं कि साल 2008 में ही मुंबई में जो हमले हुए थे वो सभी लश्कर ने ही किए थे. हमले में करीब 170 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी.
अब बात जहां तक पकिस्तान की करें तो पाकिस्तान की निचली अदालत ने इन आतंकियों को दोषी पाया था, जो सभी जानते हैं कि दुनिया के सामने बस अपनी छवि को सुधारने के लिए था. ये सभी आतंकी पैसे जमा करके लश्कर-ए-तैयबा को गैर क़ानूनी तरीके से देते थे. तब निचली अदालत ने इन सभी की सम्पत्तियों को जब्त करने के लिए भी कहा था. इससे ये तो साफ़ है कि एक बार फिर से पाकिस्तान की करनी और कथनी में अंतर का पता पूरी दुनिया को चल गया है.
अब देखते हैं भारत का अगला कदम क्या होगा. और इससे ये भी देखना दिलचस्प होगा कि यूएन इसको लेकर पाकिस्तान के लिए क्या बात रखता है. साफ तौर पर पाकिस्तान के इस कदम से उसे ब्लैक लिस्ट कर देना चाहिए. क्योंकि अगर ऐसे ही पाकिस्तान अपनी मर्जी चलाता रहा तो दुनिया के लिए दूसरा 9/11 और मुंबई हमला दूर नहीं है.
HIGHLIGHTS
- लाहौर हाई कोर्ट ने आतंकी हाफिद सईद के साथियों को रिहा कर दिया है
- आतंकी पैसे जमा करके लश्कर-ए-तैयबा को गैर क़ानूनी तरीके से देते थे
- पाकिस्तान की करनी और कथनी में अंतर
Source : News Nation Bureau