पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा कि पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने उन्हें संयुक्त रूप से सरकार बनाने के लिए एक 'गुपचुप सौदे' का प्रस्ताव दिया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था। सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की संसदीय समिति को संबोधित करने के दौरान शरीफ ने यह खुलासा किया।
शरीफ ने कहा, 'मुशर्रफ 2007 में मेरे साथ एक गुप्त सौदा करना चाहते थे, लेकिन मैंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया।'
बता दें कि साल 2007 में मुशर्रफ पाकिस्तान के राष्ट्रपति थे और शरीफ उसी समय निर्वासन से लौटे थे। 'डॉन' की रिपोर्ट के मुताबिक, शरीफ ने कहा कि वह उन लोगों के साथ गुप्त सौदे में विश्वास नहीं रखते, जिन्होंने लोगों की आकांक्षाओं को कुचला हो।
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शरीफ ने कहा कि मुशर्रफ की अगुवाई में हुए सैन्य तख्तापलट के बाद उनका परिवार पाकिस्तान नहीं छोड़ना चाहता था, लेकिन सैन्य तानाशाह ने उन्हें निर्वासन में जाने के लिए मजबूर किया था।
उन्होंने कहा, 'हमने बहुत त्रासद स्थिति में देश को छोड़ा था और लंबे समय तक हमें वापसी की अनुमति नहीं दी गई।'
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प्रधानमंत्री ने कहा कि मुशर्रफ अब ऐसी ही स्थिति का सामना कर रहे हैं और उन्हें अपमानित होकर देश छोड़ना पड़ा। अब मुशर्रफ देश में वापसी की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वह नहीं कर सकते। यह उनके कर्मो का दैवीय फल है।
मुशर्रफ ने 1999 में तख्तापलट करते हुए शरीफ को परिवार के साथ देश छोड़कर सऊदी अरब जाने के लिए मजबूर किया था। 'डॉन' की रिपोर्ट के अनुसार, मुशर्रफ के सहयोगी और ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग के सदस्य अहमद रजा कसूरी ने शरीफ के इस बयान पर आपत्ति जताई है।
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Source : IANS