भारतीय मूल की एक लेखिका ने द्वितीय विश्व युद्ध (World War 2) के दौरान एक साथी सैनिक के साथ अपने दादा की अनोखी दोस्ती की कहानी के बारे में लोगों बताया. ब्रिटेन ने भारतीय उपमहाद्वीप के उन वीर सैनिकों के सम्मान में रविवार को स्मृति समारोह आयोजित किये जिन्होंने दोनों विश्व युद्धों में अंग्रेजों के साथ लड़ाई में भाग लिया था. निमा सूचक ने इस सम्मान समारोह में अपने दादाजी की अनूठी कहानी के बारे बताया, जो हिंदू सैनिक थे, जिन्होंने अपने एक मुस्लिम साथी सैनिक से रमजान के दौरान उपवास करने का वादा किया था.
लीसेस्टर में रहने वाली लेखिका ने हाल ही में युद्ध शहीदों के लिए आयोजित एक 'स्मृति समारोह' में बताया कि, 'हिंदू होने के बावजूद, मेरे दादा ने जीवन भर रमजान के दौरान उपवास रखा था.' उन्होंने बताया, 'दूसरे विश्व युद्ध में युद्ध के मैदान में लड़ते हुए उस मुस्लिम सैनिक को गोली लग गई थी.
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युद्ध के मैदान में दम तोड़ते देख मेरे दादा ने उनके अंतिम क्षणों में उनकी पीड़ा को कम करने के लिए उन्हें पानी की पेशकश की लेकिन रमजान होने के चलते उन्होंने पानी पीने से इनकार कर दिया.' उन्होंने कहा, 'उनकी पीड़ा को देखकर, मेरे दादाजी ने वादा किया था कि यदि वह पानी पी लें, तो वह जीवन भर रमजान के दौरान उपवास रखेंगे, फिर उन्होंने पानी पी ली.'
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द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लेने वाले ब्रिटेन और राष्ट्रमंडल देशों के पूर्व सैनिकों की याद में रविवार को ब्रिटेन भर में स्थानीय समयानुसार पूर्वाह्न 11 बजे दो मिनट का मौन रखा गया. क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय ने लंदन के व्हाइटहॉल के सेनोटाफ में इसको लेकर एक समारोह का आयोजन किया था.