विश्वभर में मुस्लिमों ने शनिवार को ईद-उल-अजहा (Eid-Al-Adha) का त्यौहार मनाया. हालांकि, कोविड-19 वैश्विक महामारी (Covid-19 Global Pandemic) के कारण इस साल अन्य उत्सवों की तरह ईद के मौके पर भी उत्साह फीका रहा. सऊदी अरब के मक्का में हज के अंतिम दिनों के साथ ईद-उल-अजहा का चार दिवसीय त्यौहार मनाया जा रहा है. इस त्यौहार में मुसलमान पशुओं की कुर्बानी देते हैं. महामारी के कारण विश्वभर में लाखों लोग गरीबी की कगार पर पहुंच गए हैं, जिसकी वजह से बहुत से लोग कुर्बानी देने के लिये पशु खरीदने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं.
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पशुओं के व्यापारियों का कहना है कि महामारी के कारण खरीद पर बुरा असर पड़ा है. विश्वभर में मुस्लिमों ने घर पर रह कर अपने परिजनों संग ईद मनाई. बगदाद में दस दिन का लॉकडाउन लागू रहने के कारण सड़कें सूनी रहीं और मस्जिदों में नमाज पढ़ने की मनाही थी. एक स्थानीय दुकानदार ने कहा, “हमे उम्मीद थी कि ईद पर कर्फ्यू हटा लिया जाएगा. आश्चर्य की बात है कि ईद की छुट्टी पर लॉकडाउन लगाया गया है.”
कोसोवो और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में भी वायरस फैलने के खतरे को देखते हुए मस्जिदें बंद हैं. लेबनान में आंशिक लॉकडाउन और कड़ी सुरक्षा के बीच मस्जिदों में नमाज पढ़ी गई. बेरूत की मोहम्मद अल-अमीन मस्जिद में सामाजिक दूरी का पालन करते हुए नमाज पढ़ने वालों की कतार बाहर सड़क तक दिखाई दी.
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इंडोनेशिया में लोगों में मस्जिदों में कड़े दिशा निर्देशों के बीच एक दूसरे से कई फुट दूर होकर नमाज पढ़ी. लंबी कतारों से बचने के लिए अधिकारियों ने घर-घर जाकर कुर्बानी दिये गये पशु का मांस पहुंचाने का आदेश दिया था.
अमेरिका में जहां कुछ लोगों ने सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए मस्जिदों में नमाज पढ़ी, वहीं बहुत से लोगों ने घरों के अंदर ही यह त्यौहार मनाया.
Source : Bhasha