दुनिया से म्यांमार (Myanmar) ने चीन (China) के खिलाफ गुहार लगाई है. म्यांमार ने आरोप लगाया है कि उसके खिलाफ चीन आतंकियों को हथियार मुहैया करा रहा है. आपको बता दें कि अब तक दक्षिण एशिया में चीन का सबसे करीबी सहयोगी म्यांमार माना जाता रहा है. हालांकि, उसे भी अब समझ में आ गया है कि चीन की जात का कोई भरोसा नहीं, सच कहती है दुनिया! हालांकि म्यांमार ने खुलकर चीन का नाम नहीं लिया है, लेकिन 'बड़ी ताकतों' का जिक्र कर एक तरह से उसने चीन पर ही सीधा निशाना साधा है.
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म्यांमार का आरोप है कि चीन उसके देश के खिलाफ विद्रोही समूहों और आतंकवादी को लगातार हथियार उपलब्ध करा रहा है. आतंकी समूहों की रोकथाम के लिए म्यांमार ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग की मांग की है. हाल में म्यांमार के सेना प्रमुख जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने मीडियो को दिए एक सक्षात्कार में बताया कि म्यांमार के अंदर अशांति फैला रहे आतंकवादी संगठनों को मजबूत ताकतों का सपोर्ट मिला है और म्यांमार को इनके खात्मे के लिए दूसरे देशों की मदद की जरूरत है.
चीन के इतने दबाव में म्यांमार है कि उसका नाम भी खुलकर नहीं ले पा रहा है, लेकिन यहां मजबूत ताकतों का संदर्भ म्यांमार के पड़ोसी चीन के रूप में समझ में आ रहा है. म्यांमार के सैन्य प्रवक्ता ने इसे विस्तार से समझाते हुए बताया- म्यांमार के सेना प्रमुख अराकान आर्मी और अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी का उल्लेख कर रहे थे. पश्चिमी म्यांमार के राखीन राज्य में ये आतंकी संगठन सक्रिय हैं.
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म्यांमार के सैन्य प्रवक्ता का स्पष्ट कहना है कि पिछले साल म्यांमार की सेना पर हुए माइन अटैक की जांच में पता चला है कि इस हमले में इस्तेमाल किए गए हथियार चीन निर्मित हैं. उन्होंने जांच के अन्य परिणामों के आधार पर पाया कि अराकन सेना के पीछे 'विदेशी देश' का हाथ है.