नासा के इंजीनियरों ने नई क्षमताओं का परीक्षण करने के लिए मार्स इनजेनिटी हेलीकॉप्टर को एक छोटी लेकिन महत्वपूर्ण 18-सेकंड की सफल उड़ान पर ले लिया है. संचालन टीम पिछले कुछ हफ्तों से नई क्षमताओं पर काम कर रही है. सॉफ्टवेयर अपग्रेड में लैंडिंग पर खतरे से बचाव और डिजिटल एलिवेशन मैप्स का उपयोग शामिल है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने एक बयान में कहा, उड़ान की सरल प्रकृति के बावजूद, टीम इनजेनिटी के भविष्य के लिए इसका क्या मतलब है, इसके बारे में बहुत उत्साहित है. नासा ने फ्लाइट 34 पर पहली बार नए सॉफ्टवेयर का परीक्षण किया.
नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी में इनजेनिटी मार्स हेलीकॉप्टर ऑपरेशंस लीड, जोशुआ एंडरसन ने कहा, जेजेरो क्रेटर एक पथरीली जगह है, इसलिए सुरक्षित हवाई क्षेत्र खोजना मुश्किल हो गया है! इनजिन्युटी के डाउनवर्ड-फेसिंग नेविगेशन कैमरा का उपयोग करते हुए, यह सॉ़फ्टवेयर अपडेट लैंडिंग पर खतरे से बचाव जोड़ेगा.
एंडरसन ने कहा, उड़ान के दौरान, इनजेन्युटी सबसे सुरक्षित ²श्य लैंडिंग साइट की पहचान करेगी. लैंड करने की तैयारी करते समय, इनजेन्युटी फिर इस चयनित साइट पर डायवर्ट कर देगी. यह क्षमता इनजेन्युटी को पहले की तुलना में चट्टानी इलाके में सुरक्षित रूप से उतरने की अनुमति देती है, जिससे हमारे पायलटों को कई और संभावित लैंडिंग साइट मिलती हैं.
हेलीकाप्टर के लिए नेविगेशन सिस्टम इस धारणा पर बनाया गया था कि वाहन समतल जमीन पर यात्रा करेगा.
एंडरसन ने कहा, लंबी उड़ानों में, उबड़-खाबड़ इलाकों के कारण होने वाले नेविगेशन एर्स को ध्यान में रखा जाना चाहिए, जिसके लिए टीम को बड़े हवाई क्षेत्रों का चयन करने की आवश्यकता होती है.
टीम नई क्षमताओं का परीक्षण शुरू करने के लिए उड़ान के परिणामों का उपयोग करेगी, यह सुनिश्चित करते हुए कि सब कुछ मंगल की सतह पर उम्मीद के मुताबिक काम करेगा.
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Source : IANS