दुनिया भर में विकसित देशों को भारत की अहमियत समझ में आने लगी है. दुनिया के समक्ष अभी जितनी चुनौतियां हैं उनका सामना करने के लिए उन्हें भारत के साथ ही आवश्यकता है. यही वजह है कि विश्व के सबसे मजबूत आर्थिक ताकत वाले सात देशों (जी-7) की बैठक में लगातार भारत को निमंत्रण दिया जा रहा है. इस बात का दावा, विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने किया है. क्वात्रा जी-7 देशों की जर्मनी में 26-27 जून,2022 को होने वाली अहम बैठक में पीएम नरेन्द्र मोदी की अहमियत पर बयान दिया.
उन्होंने कहा कि यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद ऊर्जा कीमतों और खाद्य आपूर्ति को लेकर जो चुनौतियां सामने आ रही हैं, उस बारे में पीएम मोदी भारत के रूख को इन देशों के सामने रखेंगे. जी-7 देशों की यह बैठक यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पैदा हुई परिस्थियों देखते हुए काफी अहम है. ऐसा माना जा रहा है कि समूह के सातों देशों की ओर से रूस पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध को और ज्यादा मजबूती से लागू करने का प्रस्ताव रखा जाएगा. इसके साथ ही रूस को किस तरह से आर्थिक रूप से अलग-थलग करा जाए, इसको लेकर रणनीति बनाई जाएगी.
अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, जापान और इटली के राष्ट्र प्रमुखों की इस बैठक में भारत, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका,अर्जेंटीना और सेनेगल को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है. यह भी कहा जा रहा है कि समूह सात देशों की तरफ से लोकतांत्रिक देशों को एकत्र करने का प्रयास हो रहा है ताकि रूस और चीन की तरफ से उभर रही चुनौतियों को लेकर एक रणनीति बन सके. वैसे भारत हाल के वर्षों में जी-7 की शीर्ष स्तरीय बैठकों में आमंत्रित किया जाता है. मगर इस बार का माहौल थोड़ा अलग है.
HIGHLIGHTS
- जी-7 देशों की जर्मनी में 26-27 जून को होने वाली है अहम बैठक
- ऊर्जा कीमतों और खाद्य आपूर्ति को लेकर हैं कई चुनौतियां