Advertisment

रूसी हमले के बाद नाटो का बड़ा कदम, सहयोगी देशों की सुरक्षा को भेजेगा सेनाएं

उत्तर अटालांटिक संधि संगठन उत्तरी अमेरिका और यूरोपीय देशों का एक सैन्य संगठन है. इसकी स्थापना 1949 में हुई थी.

author-image
Nihar Saxena
New Update
Nato

नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके समकक्ष यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के मद्देनजर पूर्वी हिस्से में स्थित अपने सहयोगियों की रक्षा के लिए समूह के प्रतिक्रिया बल के कुछ हिस्से को भेजने पर सहमत हुए हैं. नाटो की एक बैठक की अध्यक्षता करने के बाद स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि नेताओं ने नाटो प्रतिक्रिया बल (एनआरएफ) के कुछ हिस्से और त्वरित रूप से तैनात होने वाली एक इकाई को भेजने का फैसला किया. उन्होंने यह नहीं बताया कि कितने सैनिकों को तैनात किया जाएगा, लेकिन इसकी पुष्टि की कि इस कदम में जमीनी, समुद्री और वायु शक्ति शामिल होगी. एनआरएफ में सैनिकों की संख्या 40,000 हो सकती है, लेकिन स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि नाटो पूरे बल को तैनात नहीं करेगा. नाटो के ‘वेरी हाई रेडीनेस ज्वाइंट टास्क फोर्स’ (वीजेटीएफ) बल के कुछ हिस्सों को भी भेजा जाएगा, जिसका नेतृत्व वर्तमान में फ्रांस कर रहा है.

1949 में स्थापना, 30 देश हैं सदस्य
उत्तर अटालांटिक संधि संगठन उत्तरी अमेरिका और यूरोपीय देशों का एक सैन्य संगठन है. इसकी स्थापना 1949 में हुई थी. नाटो का उद्देश्य राजनीतिक और सैन्य माध्यमों से अपने सदस्यों की स्वतंत्रता और सुरक्षा की गारंटी देना है. सेकंड वर्ल्ड वॉर के बाद बने इस संगठन का उस समय मुख्य उद्देश्य सोवियत संघ के बढ़ते दायरे को सीमित करना था. नाटो जब बना तो अमेरिका, ब्रिटेन, बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, आइसलैंड, इटली, लक्जमबर्ग, नीदरलैंड्स, नॉर्वे और पुर्तगाल इसके 12 संस्थापक सदस्य थे. वर्तमान में इसके सदस्यों की संख्या 30 है. नॉर्थ मैसेडोनिया 2020 में इसमें शामिल होने वाले सबसे नया सदस्य है.

नाटो देता है सदस्यों को सुरक्षा का आश्वासन
नाटो के गठन के समय जो समझौता हुआ था उसके तहत इसमें शामिल होने वाले सभी यूरोपीय देशों के लिए खुले दरवाजे की नीति अपनाई गई थी. इसके तहत इसमें कोई भी यूरोपीय देश शामिल हो सकता था. इसके साथ ही इसमें सदस्य देशों के लिए एक सुरक्षा का प्रावधान भी था. इसमें साझा सुरक्षा को लेकर एक घोषणा पत्र में अुनच्छेद भी है. इसके तहत इसके तहत कहा गया है कि यदि कोई बाहरी देश इसके सदस्य देशों पर हमला करता है तो फिर सभी सदस्य देश मिलकर उसकी रक्षा करेंगे.

HIGHLIGHTS

  • नाटो के शुरुआती दिनों में महज दर्जन भर थे सदस्य
  • आज इसके सदस्य देशों की संख्या 30 के लगभग है
russia ukraine यूक्रेन NATO army रूस नाटो सेना
Advertisment
Advertisment
Advertisment