भ्रष्टाचार के मामले में सात साल के कारावास की सजा काट रहे पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को हृदय संबंधी रोग के इलाज के लिए यहां कोट लखपत जेल से एक जाने-माने अस्पताल में स्थानांतरित किया गया है. 69 साल के शरीफ को कड़ी सुरक्षा के बीच जेल से जिन्ना अस्पताल लाया गया. पंजाब के गृह विभाग ने जिन्ना अस्पताल के निजी वार्ड को शरीफ के वहां ठहरने की अवधि के दौरान 'उपजेल' घोषित किया है.
अपदस्थ प्रधानमंत्री शरीफ को सर्विसेज अस्पताल में छह दिनों तक उपचार के बाद सात फरवरी को वापस जेल ले जाया गया था. अस्पताल में विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ चिकित्सकों के एक मेडिकल बोर्ड ने उनका परीक्षण किया था और सर्वसम्मति से राय दी थी कि उन्हें हृदय चिकित्सा की जरूरत है. बाद में पीएमएल-एन सुप्रीमो के निजी चिकित्सक अदनान खान ने पंजाब सरकार से एक ऐसे चिकित्सालय में शरीफ को हृदय चिकित्सक की चौबीसों घंटे की देखभाल उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था जहां हृदय चिकित्सा और अन्य संबंधित चिकित्सा सुविधाएं हों.
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इसी अनुरोध पर पंजाब के गृह विभाग ने शरीफ को न्यूनतम जरूरी अवधि के लिए उपचार हेतु केंद्रीय जेल से जिन्ना अस्पताल स्थानांतरित करने को मंजूरी दी.
पीएमएल-एन शरीफ को इलाज के लिए लंदन ले लाने की मांग करती रही है. उसने पंजाब विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश कर कहा है कि उनका हृदय संबंधी उपचार सदैव लंदन में हुआ है और वहां डॉक्टर उनके मेडिकल इतिहास को जानते हैं, ऐसे में उन्हें लंदन स्थानांतरित किया जा.
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लेकिन यहां मेडिकल बोर्ड ने ने कहा कि शरीफ का पाकिस्तान में हृदय चिकित्सा की सुविधा वाले किसी विशिष्ट अस्पताल में इलाज किया जा सकता है.
बता दें कि नवाज शरीफ 24 दिसंबर 2018 से जेल में हैं. सुप्रीम उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों के बाद उनके खिलाफ दायर तीन भ्रष्टाचार के मामलों में से एक में जवाबदेही अदालत ने शरीफ को दोषी ठहराया था.
उधर, गुरुवार को शरीफ के छोटे भाई और पीएमएलएन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ को भ्रष्टाचार के दो मामलों में उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई.
Source : PTI