नेपाल में मूसलाधार बारिश के बाद आई बाढ़ ने जलप्रलय मचाया हुआ है. मध्य नेपाल में नदी में आए सैलाब से अबतक सात लोगों की मौत हो गई है, जबकि 50 से अधिक लोग लापता हैं. बाढ़ के पानी की तेज रफ्तार से कई पुल टूट गए हैं. इस कारण आवागमन भी ठप पड़ गया है. बचावकर्मियों को भी पुल टूटने के कारण मुश्किलें आ रही हैं. पिछले 48 घंटे में भारी बारिश से सबसे बुरी तरह प्रभावित मध्य नेपाल के सिंधुपालचोक में मेलम्ची नदी में बाढ़ आ गई. सभी सात लोगों की मौत यहीं हुई है. मंगलवार रात मृतकों के शव बरामद किए गए. अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि करीब 50 लोग लापता हैं, जिनमें से ज्यादातर मेलम्ची पेयजल परियोजना में काम करने वाले श्रमिक हैं.
50 से ज्यादा लोग अब भी लापता
फेसबुक पर स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्री शेर बहादुर तमांग ने बताया कि मेलम्ची और इंद्रावती नदियों में आई बाढ़ में 50 से ज़्यादा लोग लापता हैं. बाढ़ ने मेलम्ची पेय जल आपूर्ति परियोजना टिम्बू बाजार, चनाउत बाजार, तालामारंग बाजार और मेलम्ची बाजार में बांध को भी नुकसान पहुंचाया है. भारी बारिश से न केवल लोगों की जान गई है बल्कि सिंधुपालचोक में दो कंक्रीट पुल और पांच से छह सस्पेंशन पुल गिर गए हैं. कृषि भूमि और मत्स्य पालन स्थल डूब गए हैं. वहीं हेलाम्बु क़स्बे में पुलिस चौकी (सशस्त्र पुलिस बल शिविर) और मेलम्ची में पेयजल परियोजना स्थल बाढ़ जैसी स्थिति के कारण पहुँच से बाहर हैं.
यह भी पढ़ेंः एंटीलिया केसः पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को NIA ने हिरासत में लिया
कई पुल भी बहे
मेलम्ची नदी के किनारे के गांवों में क़रीब 300 झोपड़ियां बह गईं. वहीं लामजुंग ज़िले में क़रीब 15 घर बह गए. अधिकारियों ने बताया कि निचले इलाक़े में क़रीब 200 घरों पर ख़तरा है. इन मौतों के अलावा सिंधुपालचौक में दो कंक्रीट मोटर पुल और करीब पांच से छह निलंबित पुल भी ढह गए हैं. कृषि भूमि और मछली फार्म भी जलमग्न हो गए हैं. हेलांबु शहर में पुलिस चौकी जलमग्न हो गई है. मेलामची नदी के पास बसीं 300 से अधिक झोपड़ियां बह गई हैं. लामजंग जिले में करीब 15 घर बह गए हैं. अधिकारियों ने कहा कि जिले के निचले इलाकों में स्थित 200 घरों को खतरा है. सिंधुपालचोक के मुख्य जिला अधिकारी अरुण पोखारेल ने बताया कि नेपाल पुलिस सेना और सशस्त्र पुलिस बल द्वारा बचाव एवं राहत अभियान जारी है.
HIGHLIGHTS
- बाढ़ के पानी की तेज रफ्तार से कई पुल टूट गए
- मेलामची नदी के पास 300 से अधिक झोपड़ियां बही
- कृषि भूमि और मछली फार्म भी जलमग्न हो गए