भारत (India) और नेपाल (Nepal) के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. नेपाल की सरकार ने नए राजनीतिक नक्शे (New Map) के संबंध में संविधान संशोधन बिल संसद में पेश किया है. संसद में नेपाल की कानून मंत्री शिवमाया तुंबाहंफे ने नए नक्शे का बिल पेश किया है. नेपाल के इस नए नक्शे में भारत के लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को शामिल किया है.
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आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों से भारत और नेपाल के बीच संबंध को लेकर तल्खियां बढ़ी हैं. हालांकि, नेपाल भारत का काफी पुराना मित्र रहा है. नेपाल के नक्शे को अपडेट करने के लिए नेपाली कांग्रेस संविधान संशोधन का समर्थन कर रही है. नेपाली कांग्रेस चाहती है कि लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी के विवादित क्षेत्रों को अपने क्षेत्र में शामिल किया जाए. नेपाल के नक्शे को बदलने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है.
गौरतलब है कि नेपाल ने जब अपने नए राजनीतिक नक्शे में भारतीय क्षेत्रों को अपना हिस्सा बताया था, तभी भारत द्वारा प्रतिक्रिया सामने आई थी. विदेश मंत्रालय का कहना था कि नेपाल को भारत की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था कि नेपाल सरकार से हम अपील करते हैं कि वो ऐसे बनावटी कार्टोग्राफिक प्रकाशित करने से बचे. इसके साथ ही भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करे.
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जानें क्या है विवाद?
नेपाल सरकार के नए नक्शे में भारत के लिपुलेख, कालापानी, लिम्पियाधुरा क्षेत्रों को भी शामिल करने पर भारत को आपत्ति है. नेपाल कैबिनेट की मीटिंग में भूमि संसाधन मंत्रालय ने नेपाल का यह संशोधित नक्शा जारी किया था. यह नक्शा जिस वक्त जारी किया गया, उस वक्त मौजूद कैबिनेट सदस्यों ने इस नक्शे के समर्थन में मतदान दिया था. इस पर भारत ने तत्काल आपत्ति जताई थी.
गौरतलब है कि भारत ने आठ मई को उत्तराखंड के लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर के लिए सड़क का उद्घाटन किया था. इसे लेकर नेपाल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. उद्घाटन के बाद ही नेपाल सरकार ने नया राजनीतिक नक्शा जारी करने का ऐलान किया था. भारत के क्षेत्रों को नेपाल ने अपना बताकर दिखाया है.