भारत ने इसी हफ्ते नेपाल की संसद में संविधान संशोधन विधेयक को पेश किए जाने का स्वागत किया है और कहा है कि यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकाश स्वरूप ने एक सवाल के जवाब में कहा, 'हाल के जारी प्रयासों के बीच 29 नवंबर को नेपाल की संसद में संविधान संसोधन विधेयक का रखा जाना एक महत्वपूर्ण कदम है।' विकास स्वरूप ने उम्मीद जताई कि हर पक्ष एक-दूसरे की बात सुनेगा और सभी प्रयास सार्थक होंगे।
नेपाल की संसद में पेश हुए संविधान संशोधन विधेयक पर भारत का बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस बिल में मधेशी समुदाय की शिकायतों को ध्यान में रखा गया है।
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हालांकि इस बिल का मुख्य विपक्षी पार्टी कॉम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-युनाइडेट मार्कसिस्ट लेनिनिस्ट (CPN-UML) और मधेशी फ्रंट विरोध कर रही हैं।
वहीं दूसरी ओर शनिवार को CPN-UML से जुड़े छात्रों ने काठमांडू में भारतीय दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि नेपाल की सरकार भारत के दबाव में आकर संविधन में संशोधन कर रही है।
विकास स्वरूप ने कहा कि भारत लगातार यह जोर देता रहा है कि नेपाल में शांति, स्थायित्व और विकास की बात हो। यह दोनों नेपाल और भारत के लिए अच्छा है।
HIGHLIGHTS
- मधेशियों की शिकायत को लेकर होगा संविधान में संशोधन
- CPN-UML और मधेशी फ्रंट इस बदलाव के हक में नहीं
Source : News Nation Bureau