नेपाली संसद सोमवार को संविधान संशोधन विधेयक पारित करने में असफल रही। यह संशोधन मधेशी समुदाय से संबंधित मुद्दों को देखते हुए लाया गया था। लेकिन यह संशोधन दो- तिहाई बहुमत से पास नहीं हो पाया।
इस संशोधन विधेयक को पारित करने के लिए संसद के 592 सदस्यों में 395 वोटों की जरूरत थी। वोट के दौरान 347 सांसदों ने विधेयक के पक्ष में मतदान किया, जबकि 206 सांसदों ने विरोध में वोट किया।
वोटिंग के दौरान कुल 592 सांसदों में 553 सांसद मौजूद थे। विधेयक के विरोध में वोट करने वाले मुख्य विपक्षी दल सीपीएन- यूएमएल थी। कमल थापा के नेतृत्व वाली पार्टी राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (सक्रिय हिन्दू समूह) ने भी विधेयक के विरोध में वोट किया।
इससे पहले कुल 54 सांसदों ने विधेयक को लेकर विमर्श में हिस्सा लिया था, जिसे आंदोलन कर रहे मधेशी केन्द्रित पार्टी के उठाए मांगों के आगे रखा गया। मधेशी पार्टियां नए संविधान संशोधन उनके दृष्टिकोण के अनुरूप बनाए जाने तक स्थानीय चुनावों का विरोध कर रही है।
वे संसद में अपनी प्रतिनिधित्व संख्या और अधिक बढ़ाना चाहते हैं और प्रांतीय सीमाओं को फिर से बनाए जाने की मांग कर रहे हैं।
मधेशियों (अधिकतर भारतीय मूल के) ने नए संविधान संशोधन बिल के खिलाफ सितम्बर 2015 और फरवरी 2016 के बीच एक लंबा आंदोलन किया था, क्योंकि वे तराई समुदायों में अधिकारहीन महसूस कर रहे थे।
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HIGHLIGHTS
- वोट के दौरान 347 सांसदों ने विधेयक के पक्ष में मतदान किया
- विधेयक के विरोध में वोट करने वाले मुख्य विपक्षी दल सीपीएन- यूएमएल थी
Source : News Nation Bureau