नेपाल में गिरी ‘प्रचंड’ सरकार, मंत्रियों ने दिया सामूहिक इस्तीफा, अब चीन समर्थक ओली बनेंगे प्रधानमंत्री

नेपाल में सत्ता परिवर्तन हो गया है. प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई है. गठबंधन पार्टी के नेताओं ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है.

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Publive Team
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Nepal Politics

File Photo( Photo Credit : Social Media)

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नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड को आज बड़ा झटका लगा है. दो दिन की खींचतान के बाद प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई है. गठबंधन पार्टी के मंत्रियों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने सरकार से अपना समर्थन ले लिया है. नेपाली कांग्रेस और सीपीएन यूएमएल ने मंगलवार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था. समय सीमा खत्म होते ही प्रचंड सरकार के साथ गठबंधन में शामिल सीपीएन-यूएमएल ने सरकार से समर्थन ले लिया. खास बता है कि नेपाल में दो साल में तीसरी बार सत्ता परिवर्तन हुआ है. 

विश्वास मत का सामना करेंगे प्रचंड
बता दें, एक दिन पहले सीपीएन (माओवादी) के पदाधिकारियों की बैठक हुई थी, जिसमें फैसला लिया गया था कि प्रचंड प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे. बैठक में फैसला लिया गया था कि प्रचंड 30 दिन के अंदर सदन में विश्वास मत का सामना करेंगे.

अब देश में होगी ऐसी सरकार
जानकारी के अनुसार, केपी शर्मा ओली को चीन समर्थक नेता माना जाता है और देउबा को भारत समर्थक नेता कहा जाता है. सूत्रों का कहना है कि देउबा और ओली के बीच दो दिन पहले रविवार को आधी रात में प्रधानमंत्री पद को लेकर चर्चा हुई थी. जिसमें प्रस्ताव था कि डेढ़ साल केपी शर्मा नेपाल के प्रधानमंत्री बनेंगे और आगे के बचे हुए कार्यकाल में देउबा प्रधानमंत्री पद संभालेंगे. खबर है कि इस प्रस्ताव पर अब आम सहमित बन गई है. सोमवार रात प्रस्ताव पर मुहर लगी थी. अब ओली अगले डेढ़ वर्ष नई 'राष्ट्रीय आम सहमति सरकार' का नेतृत्व करेंगे। बाकी के कार्यकाल में देउबा प्रधानमंत्री होंगे। 

जानें नेपाली संसद में किसके पास कितनी सीट
नेपाल में 20 नवंबर 2022 को आम चुनाव हुए थे. आम चुनावों में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिल पाया था. हालांकि, पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की नेपाली कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर के सामने आई. देउबा की पार्टी को 89 सीटें मिलीं, ओली शर्मा की पार्टी को 78 और प्रचंड की पार्टी को 32. सबसे कम सीटें जीतकर भी प्रचंड 25 दिसंबर 2022 को नेपाल के प्रधानमंत्री बने. उन्होंने देउबा की पार्टी के साथ गठबंधन किया था. हालांकि, गठबंधन सरकार अधिक वक्त तक टिक नहीं पाई. 15 माह बाद मार्च 2024 को फूट के कारण गठबंधन टूट गया. प्रचंड ने फिर ओली के भरोसे सरकार बनाई, जो अब गिर चुकी है. 

Source : News Nation Bureau

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