नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली की सत्ता संकट गहराता देख और विभाजन के कगार पर पहुंच चुकी कम्युनिस्ट पार्टी के आतंरिक विवाद को रोकने के लिए एक बार फिर चीन की राजदूत ने हस्तक्षेप करते हुए विवाद को फिलहाल टाल दिया है. कल देर रात प्रधानमंत्री के पी ओली से उनके निवास पर करीब एक घंटे तक बैठक करने बाद काठमांडू स्थित चीनी राजदूत होऊ यांकी ने बुधवार सुबह से कम्युनिस्ट पार्टी के कुछ बड़े नेता प्रचण्ड और माधव से अलग-अलग मुलाक़ात कर उनसे पार्टी विवाद को रोकने के लिए दबाब डाला.
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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चीनी राजदूत ने बीजिंग का स्पष्ट सन्देश देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री कोई रहे उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है पर किसी भी हालत में पार्टी विभाजन नहीं होनी चाहिए. नेपाल में कम्युनिस्ट पार्टी के मर्जर में मध्यस्थता की भूमिका निर्वाह करने वाली और इससे पहले भी कई बार पार्टी के आतंरिक विवाद को मिलाने के लिए सक्रिय हस्तक्षेपकारी की भूमिका निर्वाह करने वाली चीनी राजदूत ने कम्युनिस्ट पार्टी के भीतर रहे विवाद को कुछ दिन के लिए सही पर टाल दिया है.
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स्थाई समिति की बैठक रद्द
चीन के दवाब के बाद बुधवार को होने वाली स्थाई समिति की बैठक भी स्थगित कर दी गई. प्रधानमंत्री निवास में ही केपी ओली और प्रचण्ड के बीच करीब एक घंटे तक मुलाक़ात हुई. आज दिन भर अलग अलग मुलाकातों का दौर चलने वाला है. प्रधानमंत्री के निकट नेताओं का कहना है कि यदि प्रधानमंत्री से अभी इस्तीफा मांगा जाता है तो इसका संदेश यह जाएगा कि भारत के खिलाफ बोलने पर प्रधानमंत्री को अपना पद छोड़ना पड़ा. जो कि इस समय चीन के लिए कतई मंजूर नहीं हो सकती है.
Source : News Nation Bureau