नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की तरफ से एक के बाद एक दिए गए विवादास्पद बयान से देश की छवि धुमिल होने, अच्छे पड़ोसी देश के साथ का संबंध बिगाड़ने और आम जनता के मुख्य मुद्दे से ध्यान भटकाने का आरोप लगाते हुए प्रमुख विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस ने पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार खोने की बात कही है.
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पार्टी के प्रवक्ता विश्वप्रकाश शर्मा के तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि नेपाल के अपने संस्कार, संविधान और संवेदनशीलता से अलग ओली अपनी व्यक्तिगत सनक से देश की व्यवस्था को कैद करके रखना चाहते हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि ओली का व्यवहार संस्थागत जिम्मेवारी से हटकर एक तानाशाह की तरह होता जा रहा है.
नेपाली कांग्रेस कहना है कि प्रधानमंत्री के किसी भी बयान से ना तो सरकार का और ना ही पार्टी कोई लेना देना है तो ओली किस नैतिकता से अभी तक पद पर बने हुए हैं.
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कांग्रेस ने आरोप लगाया है की प्रधानमंत्री ओली की कथनी और करनी में बहुत ही अंतर है. वक्तव्य में कहा गया है कि जब पूरा देश कोरोना की चपेट में हो, जब बाढ़ से सैकड़ो लोगों की जान जा चुकी हो और हजारों लोग बेघर हो चुके हों ऐसे में देश के प्रधानमंत्री इन सब ज्वलंत मुद्दों पर बात करने के बजाय बिना आधार और तथ्यहीन बातें कर रहे हैं.
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अपने बयान में नेपाली कांग्रेस ने ओली के द्वारा नक्शा विवाद को राजनैतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किए जाने का आरोप लगाया है. उसमें कहा गया है कि नक्शा विवाद के बाद उत्पन्न परिस्थिति के बाद सरकार और प्रधानमंत्री का यह दायित्व बनता है कि वो भारत के साथ गंभीरतापूर्वक कूटनीतिक वार्ता करें लेकिन बजाय इसके ओली अपने अपरिपक्व टिप्पणी के जरिये संवेदनशील मुद्दों पर भी असंवेदनशीलता प्रदर्शित कर रहे हैं.
Source : News Nation Bureau