नेपाल के कम्युनिस्ट नेता केपी शर्मा ओली ( KP Sharma Oli) को रविवार को चौथी बार प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया. शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' के प्रतिनिधि सभा में अविश्वास प्रस्ताव हारने के बाद ओली को प्रधानमंत्री चुना गया.. गौरतलब है कि, दहल मार्च 2024 में पीएम बने थे, जब उन्होंने विश्वास मत के बाद नेपाली कांग्रेस पार्टी से गठबंधन तोड़कर CPI-UML के केपी शर्मा ओली से हाथ मिला लिया. नेपाल की जनता ने 2008 में राजशाही ख़त्म होने के बाद से अबतक 13 सरकारें देखी हैं.
नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (CPI-UML) के अध्यक्ष ओली को नेपाल को राजनीतिक स्थिरता मुहैया करने के लिए काफी कठिन चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.
राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल के कार्यालय द्वारा जारी एक नोटिस के अनुसार, 72 साल के ओली नेपाली संविधान के अनुच्छेद 76(2) के तहत एक नई सरकार बनाएंगे. शपथ ग्रहण समारोह सोमवार सुबह 11 बजे राष्ट्रपति भवन की मुख्य इमारत शीतल निवास में होने वाला है.
गौरतलब है कि, ओली नेपाली कांग्रेस पार्टी द्वारा समर्थित एक नए गठबंधन के प्रधान मंत्री बने, जिसके अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा हैं. अविश्वास मत के दौरान ओली ने 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में सरकार बनाने के लिए 165 सदस्यों के हस्ताक्षर वाला समर्थन पत्र सौंपा.
मालूम हो कि, नेपाल के संविधान के तहत, प्रधानमंत्री तभी अविश्वास प्रस्ताव की मांग कर सकते हैं, जब कोई सहयोगी उनकी सरकार से समर्थन वापस ले ले. 165 सदस्यों में से 77 उनकी पार्टी (CPI-UML) से हैं और 88 नेपाली कांग्रेस पार्टी (NC) से हैं.
Source : News Nation Bureau