नेपाल ( Nepal ) में गहराये राजनीतिक संकट के बीच वहां की सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने भंग हुई प्रतिनिधि सभा को बहाल कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने विपक्ष के नेता शेर बहादुर देउवा ( Sher Bahadur Deuba ) को पीएम बनाने के दावा को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है और उन्हें प्रधानमंत्री नियुक्त करने के लिए राष्ट्रपति को आदेश दिया है. इसके साथ ही केपी ओली को भी बड़ा झटका लगा है. केपी ओली ( KP Oli ) को प्रधानमंत्री पद से मुक्त करने का आदेश दिया गया है.
यह भी पढ़ें : इजराइल ने फिलिस्तीनी कर राजस्व में 18.3 करोड़ डॉलर की कटौती को मंजूरी दी
नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कल शाम यानी मंगलवार शाम 5 बजे के भीतर ही शेर बहादुर देउवा को प्रधानमंत्री नियुक्त करने का आदेश राष्ट्रपति को दिया है. साथ ही 18 जुलाई तक संसद अधिवेशन आह्वान करने का आदेश भी दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने 20 जुलाई तक बहुमत साबित करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि देउवा को संविधान की धारा 76(5) के तहत प्रधानमंत्री नियुक्त करना है और बहुमत साबित करते समय दल का व्हीप नहीं लग सकता है. सांसद अपने मन से वोटिंग कर सकते हैं.
गौरतलब है कि केपी शर्मा ओली की सिफारिश के बाद राष्ट्रपति विद्या भंडारी ने पांच महीने में दो बार संसद के निचले सदन को भंग किया था. संसद भंग करने के साथ ही 12 और 19 नवंबर को मध्यावधि चुनावों की घोषणा की गई थी. लेकिन इस फैसले को नेपाल के सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. चुनाव को लेकर और राष्ट्रपति के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 30 याचिकाएं लगाई गई थीं.
यह भी पढ़ें : इमरान खान की MQM सुप्रीमो को जान से मारने की धमकी के विरोध में प्रदर्शन
आपको बता दें कि नेपाल के 275 सदस्यीय सदन में विश्वास मत के दौरान हारने के बावजूद केपी शर्मा ओली अल्पमत सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं. अब सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद नेपाल में कई महीनों से चला आ रहा राजनीतिक गतिरोध भी खत्म हो जाएगा. साथ ही इस आदेश के बाद केपी शर्मा ओली के हाथों से देश की कमान भी ले ली जाएगी.
HIGHLIGHTS
- नेपाल में बहुत बड़ा सियासी उलटफेर
- केपी ओली को PM पद से हटाया गया
- शेर बहादुर देउवा को PM बनाने का आदेश
- नेपाल की सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला