पाकिस्तान (Pakistan) में नई सरकार ने चीन(China) से दूरियां बना रही है. शहबाज शरीफ की सरकार ने इसके संकेत दिए हैं. पाक सरकार ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) के प्राधिकरण को भंग कर दिया है. 2013 में शुरू हुए 5 लाख करोड़ रुपए के सीपैक के तहत चीन द्वारा पाकिस्तान में आधारभूत ढांचे का विकास किया जाना था. पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रांत में इसका विरोध बढ़ रहा है. इस बीच, बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने सीपैक में कार्यरत चीनी कर्मचारियों पर हमले तेज कर दिए हैं. हाल ही में एक बलूच महिला फिदायीन ने धमाका कर तीन चीनी कर्मियों को मार डाला. ऐसे में नई सरकार ने एक बार फिर अमेरिका का रुख किया है. इसके साथ ही शहबाज सरकार ने सीपैक प्राधिकरण को भंग करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
इसका कारण कई परियोजनाओं में देरी बताया जा रहा है. एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान चीन के साथ सीपैक की महत्वाकांक्षी डील को रद्द करने को तैयार है. मगर उसकी शर्त है कि यदि अमेरिका इस प्रकार का कोई मेगा प्रोजेक्ट पाकिस्तान के लिए लाता है तो ऐसा कर सकते हैं.
30 हजार करोड़ का पेमेंट नहीं
सीपैक के तहत चीन पाकिस्तान में लगभग 2000 मेगावॉट के मेगा पावर प्लांट लगा रहा था. मगर चीन के निवेशकों को पाकिस्तान सरकार की ओर से लगभग 30 हजार करोड़ रुपए का भुगतान नहीं हो पाया है. ऐसे में प्लांट को बंद कर दिया गया है. इन मेगा पावर प्लांट्स में अब तक लगभग 40 फीसदी से अधिक काम पूरा हो चुका था.
पाकिस्तान में गंभीर बिजली संकट
पाकिस्तान में ऊर्जा संकट गहराता जा रहा है. इन दिनों भीषण गर्मी में भी पाक के 28 से ज्यादा शहरों में 12 घंटे का पावर कट है.
रेलवे प्रोजेक्ट पर काम शुरू नहीं
चीन के झिनझियांग से ग्वादर तक मेन लाइन रेलवे प्रोजेक्ट का काम शुरू किया जाना था. करीब 55 हजार करोड़ रुपए की इस परियोजना को पाक का सबसे बड़ा रेल प्रोजेक्ट बताया जा रहा था. सूत्रों के अनुसार अब पाक सरकार ने इसे बंद करने का फैसला किया गया है.
HIGHLIGHTS
- पाकिस्तान चीन के साथ सीपैक की महत्वाकांक्षी डील को रद्द करने को तैयार है
- चीन पाकिस्तान में लगभग 2000 मेगावॉट के मेगा पावर प्लांट लगा रहा था