न्यूजीलैंड (New Zealand) के सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री (Prime Minister) जैसिंडा अर्डर्न ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. बेहद नाटकीय घटनाक्रम में जैसिंडा (Jacinda Ardern) ने कहा कि 7 फरवरी उनके कार्यकाल का आखिरी दिन होगा. इसके साथ ही उन्होंने इस साल होने वाले आम चुनाव (Elections) में भी भाग लेने से इंकार कर दिया है. गौरतलब है कि 2023 का आमचुनाव 14 अक्टूबर को होगा. अर्डर्न का चौंकाने वाला फैसला साढ़े पांच साल के कार्यकाल के बाद आया है, जब उन्होंने कोरोनो वायरस (Corona Epidemic) महामारी के खिलाफ न्यूजीलैंड का प्रभावी और सफल नेतृत्व किया. 2017 में न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री बनते समय जैसिंडा केवल 37 साल की थी. इस पदभार संभालने के साथ ही वह जैसिंडा दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला पीएम (Youngest PM) की सूची में बतौर इतिहास दर्ज हो गईं.
जैसिंडा ने लेबर पार्टी की संभावित हार के मद्देनजर नहीं दिया इस्तीफा
अर्डर्न ने अपने इस्तीफे की घोषणा के साथ कहा कि कहा कि वह भली-भांति जानती हैं कि प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी क्या होती है. इस समझते हुए उनका मानना है कि अब इस पद के साथ न्याय करने के लिएउनके पास पर्याप्त क्षमता नहीं बची है. उन्होंने कहा कि उनके ऐसे कई सहयोगी हैं, जो प्रधानमंत्री की गरिमा और जिम्मेदारी के साथ न्याय कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने कोरोना के खिलाफ जंग समेत बहुत कुछ हासिल किया है. उन्होंने साफ किया कि वह इसलिए इस्तीफा नहीं दे रही हैं, क्योंकि आसन्न आम चुनाव में लेबर पार्टी के चुनाव जीतने की संभावनाओं पर संशय है. जैसिंडा ने कहा कि उन्होंने इस्तीफा इसलिए दिया, क्योंकि उन्हें लगा है का यही सही वक्त है.
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परिवार खासकर बेटे नेव के साथ समय बिताने की जताई इच्छा
मीडिया से बात करते हुए जैसिंडा अर्डर्न ने कहा कि उनके इस्तीफे के पीछे कोई खास दृष्टिकोण या वास्तविक कारण नहीं है. चूंकि वह भी एक इंसान हैं, इसलिए इस्तीफा देना चाहती थी. अपने परिवार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'नेव अगले साल जब तुम स्कूल जाना शुरू करोगे, तो मां वहां तुम्हारे साथ होगी. क्लार्क अब तुम अंततः शादी कर ही लो.' स्थानीय समाचार साइट एनजेड हेराल्ड के अनुसार अर्डर्न ने एक टेलीविज़न प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'यह साढ़े पांच साल मेरे जीवन के सबसे ज्यादा पूर्ण और संतुष्टि देने वाले साल रहे हैं.' इसके साथ ही जैसिंडा ने फिर दोहराया कि वह वह इस साल आम चुनाव नहीं लड़ेंगी और प्रधानमंत्री के रूप में उनका आखिरी दिन 7 फरवरी है.
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लेबर पार्टी कॉकस वोट के जरिये चुनेकी जैसिंडा अर्डर्न का उत्तराधिकारी
उन्होंने कहा, 'मैं अपना पद छोड़ रही हूं, क्योंकि इस तरह की विशेषाधिकार प्राप्त नौकरी के साथ एक बड़ी जिम्मेदारी आती है. यह जिम्मेदारी इस बात का बोध कराती है कि है कि आप कब नेतृत्व करने के लिए सही हैं और यह भी कि आप कब नहीं हैं.' जैसिंडा अर्डर्न के इस्तीफे के बाद उनकी लेबर पार्टी शनिवार को कॉकस वोट के जरिये उनके उत्तराधिकारी की तलाश शुरू करेगी. 2017 में न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री बनते समय जैसिंडा केवल 37 साल की थी. इस पदभार संभालने के साथ ही वह जैसिंडा दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला पीएम बतौर इतिहास में भी दर्ज हो गईं. इसके अलावा वे उन चंद वैश्विक नेताओं में भी शुमार होती हैं, जिन्होंने पीएम पद की जिम्मेदारी निभाते हुए बच्चे को भी जन्म दिया.
HIGHLIGHTS
- महज 37 साल की उम्र में संभाली थी न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी
- जैसिंडा अर्डर्न के नेतृत्व में न्यूजीलैंड वे कोरोना से जंग में किया अच्छा योगदान
- इस साल अक्टूबर में होने वाले आमचुनाव में भी भाग लेने से किया सिरे से इंकार