भगोड़े नीरव मोदी (Nirav Modi) ने ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के सामने प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील का अंतिम मौका खो दिया है. उसके पास अब किसी तरह का विकल्प नहीं बचा है. हालांकि ऐसा कहा जा रहा है कि नीरव मोदी अब कोई और दांवपेंच लगाने की कोशिश करेगा. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि वह यूरोपीयन कोर्ट आफ ह्यूमन राइट में भी अपील कर सकता है. इस तरह से देखा जाए तो नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता तो क्लियर है, मगर कई अड़चने अभी भी बाकी हैं. इनसे पार पाना काफी अहम है.
ब्रिटेन की हाईकोर्ट ने प्रत्यर्पण को लेकर दायर याचिका को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा था कि सुसाइड की प्रवृत्ति को प्रत्यर्पण से बचने का आधार नहीं बनाया जा सकता है. हालांकि नीरव ने अपने बचे हुए कानूनी विकल्प का उपयोग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी. यहां पर उसे निराशा हाथ लगी है. गौरतलब है कि पंजाब नेशनल बैंक घोटाला नीरव मोदी ने तीन कंपनियों के अधिकारियों और पंजाब बैंक के अधिकारियों की मिली भग से किया था. यहा घोटाला करीब 13,000 करोड़ से ज्यादा का था. नीरव मोदी ने पीएनबी के अफसरों से मिलकर 11 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा फर्जी ऋणपत्रों के जरिए बड़ी धोखाधड़ी को अंजाम दिया था.
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धोखाधड़ी और धनशोधन के आरोप में लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में नीरव मोदी बंद है. नीरव मोदी मार्च 2019 में प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तारी के बाद से यहीं पर है. कोर्ट से मिली इस हार के बाद अब उसका भारत आने का रास्ता साफ हो चुका है. बताया जाता है कि 19 वर्ष की आयु में हीरा व्यवसायी नीरव मोदी ने अपने अंकल मेहुल चौकसी के साथ काम करना आरंभ किया था. मेहुल चौकसी पर भी धोखाधड़ी के साथ घोटाले का आरोप है. नीरव के साथ उसे भी भारतीय जांच एजेंसियां खोजने में लगी हुईं हैं.
HIGHLIGHTS
- नीरव मोदी के पास अब किसी तरह का विकल्प नहीं बचा है
- यहा घोटाला करीब 13,000 करोड़ से ज्यादा का था
- गिरफ्तारी के बाद से नीरव मोदी लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में है
Source : News Nation Bureau