भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी (Nirav Modi) को ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने अभी राहत नहीं दी है. अदालत ने भगोड़े नीरव मोदी (Nirav Modi) की कस्टडी 17 अक्टूबर तक बढ़ा दी है. बता दें नीरव मोदी (Nirav Modi) के खिलाफ भारत में मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) और पीएनबी घोटाला को लेकर केस दर्ज है. वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने कहा कि वह अगले मई से उसके प्रत्यर्पण की सुनवाई शुरू करने की दिशा में काम कर रहा है. नीरव इंग्लैंड की सबसे अधिक भीड़-भाड़ वाली जेल में कैद है.
नीरव मोदी (Nirav Modi) को वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में विडियो लिंक के जरिये पेश किया उसके प्रत्यर्पण मुकदमे की सुनवाई अगले साल मई में 11 से 15 मई के बीच चलने की उम्मीद है. सुनवाई के दौरान कोर्ट में ईडी और सीबीआई के अधिकारियों की टीम कोर्ट में मौजूद थी. ब्रिटेन की अदालत के मुताबिक, प्रत्येक 28 दिन के बाद लंबित प्रत्यर्पण की सुनवाई में यह जरूरी होता है.
भारत सरकार के आरोपों पर स्कॉटलैंड यार्ड (लंदन महानगर पुलिस) ने नीरव मोदी (Nirav Modi) को 19 मार्च को गिरफ्तार किया था और तब से वह जेल में है. गिरफ्तार होने के बाद से दक्षिण-पश्चिम लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में नीरव कैद है.
नीरव की गिरफ्तारी के बाद से ही सॉलिसिटर आनंद दूबे और बैरिस्टर क्लेयर मॉन्टगोमरी ने चार बार जमानत याचिका दाखिल की है जो हर बार खारिज कर दी गई है. जमानत याचिका पर जून में हुई सुनवाई के दौरान रॉयल कोर्ट्स ऑफ जस्टिस के जज जस्टिस इंग्रिड सिमलर ने कहा था कि इस बात का पक्का आधार मौजूद है कि नीरव मोदी (Nirav Modi) सरेंडर नहीं करता, क्योंकि उसके पास फरार होने के पूरे साधन मौजूद हैं.
Source : एजेंसी